'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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जनविरोधी व दमनकारी ऑपरेशन कगार बंद करने और शांति-वार्ता बहाल करने हेतु कन्वेंशन

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के महासचिव बासवराज की हत्या भारत सरकार की पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद जीवित पकड़ने के बाद कर दी. उनके परिजनों की ओर से हर तरीक़े की कोशिश करने के बाद भी उनका पार्थिव शरीर सरकार ने नहीं दिया और भगत सिंह की ही भांति उनके और उनके साथियों के पार्थिव शरीर को जला …

भगत सिंह की ही तरह बासवराज और उनके साथियों के पार्थिव शरीर को जला दिया खूंखार मोदी-शाह की सरकार ने

सीपीआई माओवादी के महासचिव बासवराज और उनके साथियों की 21 मई को डीआरजी (पुलिसिया गुंडा गिरोह, जो आत्मसमर्पित माओवादी थे) के साथ एक ज़बरदस्त मुठभेड़ में शहीद हो गये, के पार्थिव शरीर को शासक वर्ग ने परिजनों को देने से इनकार कर दिया और उनके आठ साथियों के पार्थिव शरीर को आज जला दिया. शासक वर्ग की इस नीचतापूर्ण हरकत …

शांति वार्ता का झांसा देकर सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बासवराज का हत्या किया मोदी-शाह गिरोह ने

28 जुलाई, 1972 को (20 हज़ार से अधिक बंगाली युवाओं की क्रूरता से हत्या करने के बाद) माओवादी आंदोलन के प्रथम महासचिव चारु मजूमदार की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी. अब तक़रीबन 50 साल बाद एक बार फिर 21 मई, 2025 को माओवादी आंदोलन के महासचिव बासवराज की पुलिस ने मुठभेड़ में हत्या कर दी. नंबाला केशव …

ईवीएम हटाओ, बैलेट पेपर से चुनाव कराओ !

ईवीएम हटाओ, बैलेट पेपर से चुनाव कराओ और कार्पोरेट को दिये ₹25,00,000 करोड़ के नहीं चुकाए गए कर्ज (बट्टे खाते में डाले गए कर्ज) को वसूल करो. उस धन का उपयोग करके युवाओं के लिए उनके राज्यों में रोजगार पैदा करो, जैसे दो महत्वपूर्ण कार्ययोजनाओं को अपने हाथों में लेकर तमिलनाडु के दो युवा इंजीनियर आ. नंदिनी (BABL) और स. …

कारेगुट्टा की पहाड़ी से निकली जनताना सरकार की जीत का आग़ाज़

छत्तीसगढ़ में जब गृहमंत्री अमित शाह एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में माओवादियों को छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से 31 मार्च, 2026 तक समाप्त कर देने का घोषणा कर रहे थे तब वे यह भूल जाते हैं कि वे माओवादियों को नहीं बल्कि इस देश की स्वाभिमानी जनता तो ख़त्म करने की बात कर रहे हैं, जिसने हर तरह की ग़ुलामी के …

धंधेबाज़ रामदेव का धर्म के नाम पर ‘शरबत जिहाद’

हरिशंकर परसाई ने कहा है कि ‘धर्म जब धंधे से जुड़ जाए, इसी को योग कहते हैं.’ आज यह देश की कड़वी हक़ीक़त है और ब्राह्मणवादी नफ़रतों का सबसे उम्दा प्रदर्शन है, जिसका ब्रांड एंबेसडर रामदेव है, जिसने योग के आड़ में अपना उत्पाद बेचने के लिए देशवासियों के बीच धार्मिक भावनायें भड़का रहे हैं. पतंजलि समूह के कर्ता-धर्ता व्यापारी …

जनताना सरकार और भारत सरकार के अधीन रहने वाली महिलाओं की स्थिति का एक आंकलन

अब यह एक कड़वी सच्चाई बन चुका है कि भारत में दो सरकार समानान्तर सत्ता चला रही है. पहली सरकार माओवादियों के नेतृत्व में चल रही ‘जनताना सरकार’ है. दूसरी सरकार सामंती मिज़ाज वाली वह सरकार है, जिसका एक बांह भारत के कॉरपोरेट घराना थामे हुए है और दूसरा बांह अमेरिकी साम्राज्यवादी शक्तियों के नेतृत्व वाली विदेशी शक्तियां पकड़े हुए …

माओवादी आंदोलन में गुमुदावेली रेणुका का जीवन और शहादत

31 मार्च को दक्षिण छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस ने ठंडे दिमाग़ से पकड़ कर हत्या दिया. उनके शव को देखकर लगता है कि उनकी हत्या करने के पहले उन्हें बर्बर यातना दी गई थी. पुलिस ने उनका हाथ काट दिया था. यातना की नृशंसता देखकर ही पता लगता है कि ब्राह्मणवादी सत्ता देश की गरीब मेहनतकश आदिवासी पिछड़े …

अप्रैल फूल दिवस 1 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है ?

1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने की परंपरा 1564 में फ्रांस में कैलेंडर परिवर्तन से जुड़ी प्रतीत होती है, जब नए साल को 1 जनवरी से मनाने की घोषणा की गई. इसकी शुरुआत किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि समाज में विकसित हुई, संभवतः चार्ल्स नवम के शासन के दौरान. सटीक उत्पत्ति अज्ञात है, लेकिन शोध सुझाव देता है कि …

क्या भारत धर्म, संस्कृति, नैतिकता और कानूनी तौर पर एक बलात्कारी देश है ?

भारत के न्यायाधीश बलात्कार या बलात्कार की कोशिश के मामलों पर विभिन्न प्रकार के बयान देते हैं, जो आमतौर पर कानूनी व्याख्या, सामाजिक संवेदनशीलता और सार्वजनिक भावनाओं के इर्द-गिर्द घूमते हैं. इन बयानों में कभी-कभी विवाद भी उत्पन्न होता है, जिसके चलते इनकी व्यापक चर्चा होती है. हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में फैसला सुनाया, जिसमें …

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