'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

विचित्र पत्थर

वाराणसी से कलकत्ता तक पानी वाले जहाज का संचालन शुरू हो गया है. अभी सिर्फ मालवाहक जहाज ही चल रहे हैं और दो एक साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी शुरू हो जाएगा. बीते 30 मार्च को एक जहाज वाराणसी से बनारसी लंगड़े आमों की खेप लेकर कलकत्ता के लिए निकला. जहाज पर लगभग तीस हजार टन आम लदे हुए थे. …

मिलार्ड, अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन जेल में और नरेन्द्र मोदी बाहर क्यों है ?

– मिलार्ड, अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन जेल में क्यों हैं ? – क्योंकि उनके खिलाफ केस है, जांच चल रही है. – क्या केस की जांच के लिए एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में जाना होगा…? – हां, क्योंकि वो बाहर रहकर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. – बहुत अच्छे, तो क्या सरकार के खिलाफ कोई जांच …

पांच लघुकथाएं – चड्ढी

चड्डी – 1 प्रभु : हे वत्स चड्डी छोड़ पैंट क्यों धारण की ? चडड्डीधारी : हे प्रभो ! उन वस्त्र में शर्म आती थी इसलिए त्याग दिया. प्रभु : जब अपने विचारों से शर्म आने लगे तो उन्हें भी त्यागना मत भूलना. वैसे शर्म जल्दी तुम्हें आनेवाली नहीं. कल्याण भव ! चड्डी – 2 प्रभु : तुम्हारी चड्डी इतनी …

बैताल कथा – ‘जो तीसरी बार मूर्ख बने वह गधा ही हो सकता है’

बेताल बोला – ‘हे राजन ! तुम मुझे लादे लादे थक गए हो. तुम्हारी थकान दूर करने को एक कहानी सुनाता हूं. शीर्षक है तीसरी बार. एक बार जंगल के राजा शेर ने सभा बुलाई और कहा कि ‘मैं राजा हूं क्या मेरा शिकार के लिए इधर-उधर घूमता अच्छा लगेगा ? अब से मेरे लिए शिकार का इंतजाम मंत्रिमंडल करेगा.’ …

जब मैं पाकिस्तान का नामोनिशान मिटाने पाकिस्तान पहुंचा

मैंने फैसला किया कि अब जब फेसबुक पर युद्ध का एलान हो ही चुका है तो चलकर पाकिस्तान का नामो निशान मिटाने के महान काम में मुझे भी अपना योगदान देना चाहिए. मैं राजस्थान के गड़रियों के साथ मिलकर पाकिस्तान में दाखिल हो गया. पाकिस्तान में घुसने के बाद मैंने आस पास नज़र दौड़ाई कि पाकिस्तान को बर्बाद करने की …

चोर

भूरे ने कूड़े से भरी रेहड़ी खत्ते में पलट कर वहीं छोड़ दी. कूड़ेदान कचरे से लबालब भर गया है. उसकी जोरू खाली रेहड़ी को घसीट कर खत्ते के बाहर ले आई. ‘अभी रुक, एक बीड़ी पी लूं…’ भूरा खत्ते से सटे लैम्प-पोस्ट के नीचे उकड़ू बैठ गया. बीड़ी सुलगाकर बड़ा-सा कश खींचा और धुआं छोड़ते हुए फुसफुसाया, ‘…इतनी रात …

महान चीनी लेखक लू शुन की जयंती (25 सितम्बर) के अवसर पर चीनी कहानी : वह अभागा

चीन के दूसरे भागों की भांति ल्यूचेन में शराब की दुकानों नहीं हैं. उन सब पर सड़क की ओर मुंह किये काउण्टर हैं. वहां पर शराब को गर्म करने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था रहती है. दोपहर या शाम को लोग अपने काम से छुट्टी पाकर वहां आते हैं और एक प्याली शराब खरीद लेते हैं. बीस साल पहले …

इन दिनों ‘कट्टर’ से ‘कट्टा’ हो रहा हूं मैं…!

आजकल मैं बहुत हीन भावना में जी रहा हूं. सामान्य तौर पर मैं सामान्य मनुष्य के जैसा जीवन ही जीना चाहता रहा हूं, मगर अब देख रहा हूं कि ऐसा सोचना भी मेरा असामान्य है. आजकल ऐसे सोचने वालों को कायर कहा जाता है. कायर ही नहीं बहुत कुछ कहा जाता है, जो यहां लिखा नहीं जा सकता. ‘कट्टर’ शब्द …

राजा का मूड

राजा का मूड उखड़ा हुआ था. उसने मंत्री को तलब किया. मंत्री: क्या हुआ महाराज ? राजा: कुछ मजा नहीं आ रहा ! मंत्री: भाषण देंगे महाराज ? राजा: उहूं ! मंत्री: कोई नया परिधान बनवाया जाए महाराज ? राजा: उहूं ! मंत्री: आखेट पर चलेंगे महाराज ? राजा: उहूं ! मंत्री: जासूसी हेतु कोई नया सॉफ्टवेयर खरीदा जाए महाराज …

यक्ष-युधिष्ठिर संवाद : मार्क्स का नाम सुनते ही लोग बिदक क्यों जाते हैं ?

यक्ष – लोग मार्क्स का नाम सुनते ही बिदक क्यों जाते हैं ? उन्हें किस बात का डर है ? युधिष्ठिर – 90 फीसदी तो इसलिए बिदकते हैं क्योकि उन्हें यह समझाया गया है कि यह कोई भूत प्रेत है, इसकी छाया से भी डरना चाहिए. पकड़ लेगा तो भगवान भी नहीं छुड़ा सकते. ये तो भगवान से भी नहीं …

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