मुझे एक बात से बड़ी हैरानी होती है कि भारत में लोग किस मुंह से धर्म, नैतिकता, मानवता और चरित्र की बात कर लेते हैं…! हम वही लोग हैं जो कोरोना महामारी के समय रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हैं…, दो सौ रूपये का इंजेक्शन बीस हजार में बेचते हैं…वरना किसी के भी परिवार का दिया हमारे सामने बुझ जाए …
भारत में लोग किस मुंह से धर्म, नैतिकता, मानवता और चरित्र की बात कर लेते हैं…?
