देश भर में दो तरह की राजनीतिक धाराओं के बीच आम आदमी का भविष्य पतन और उत्थान की ओर उन्मुख है. पहली राजनीतिक धारा चोरों और भ्रष्टों के सहारे देश को लूटने-खसोटने वाले दलों की है, जो अंबानी-अदानी की चरणों में बिछे हुए हैं. जो अभी तक नहीं बिछ पायें हैं वे अपनी बारी लौटने का इन्तजार कर रहे हैं …
तय कर लो कि तुम किधर हो ? क्योंकि कोई भी तटस्थ नहीं होता
