'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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क्या चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का एक माध्यम है?

कट्टर वामपंथी का कहना है कि चुनाव जनता को ठगने और मन बहलाने का एक माध्यम है, कि जनता को अगले पांच साल तक शासक वर्ग का कौन घड़ा लूटेगा इसका निर्धारण है, कि विश्व समुदाय के सामने अपनी दलाल नीति पर जनता की नकली वोट द्वारा केवल मोहर लगाने का एक स्टाम्प मात्र है. वर्तमान में पांच राज्यों में …

दिल्ली का आम बजट: विषैले पौधों की जड़ों में मट्ठा डालने की क्रिया

शायद हम उन खुशकिस्मतों में शामिल हैं जो देश में चल रहे संक्रमण काल के दौर में जी रहे हैं, जहां एक घोर अवसरवादी-दक्षिणपंथी सत्ता के बीच जनता की सत्ता सांस ले रहा है और एक अद्भुत सुखद हवा का संचार कर रहा है. एक सत्ता, जिनका प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में थोड़े-थोड़े अंतर के साथ तमाम राष्ट्रवादी …

भ्रष्टाचार-मुक्त कार्य कम लागत में और जल्दी पूरे किये जा सकते हैं!

नई दिल्ली में एम0सी0डी0 द्वारा विगत 20 साल पहले से बनाये जा रहे एक पुल जो 70 करोड़ से बढ़कर अब 700 करोड़ की हो गयी है परन्तु अभी तक अधूरी है, का खबर आज देखने को मिला. ऐसे में एक परिचित के द्वारा वर्षों पूर्व की एक बातचीत याद आ गई. वे दिल्ली में एक ठीकेदार के अधीन काम …

भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव के मायने

भारतीय जनता पार्टी के लिए, खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव अभियान एक जीवन-मरण का प्रश्न बन चुका है. ऐसा भी नहीं है कि अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी हार जाती है तो उनके प्रधानमंत्री के कुर्सी पर किसी प्रकार का खतरा मंडरायेगा. नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है. फिर सवाल उठता है कि क्यों …

प्रधानमंत्री का ब्यान और यू.एन.ओ. का संदेश

देश के प्रधानमंत्री के द्वारा दिये गये ब्यान की एक अहमियत होती है. उनके ब्यान को देश के लोगों के साथ-साथ विश्व समुदाय के लिए भी एक संदेश माना जाता है, जो अधिकारिक होता है. चुनावी रंग में बुरी तरह घुल-मिल चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इलाहाबाद के एक जनसभा में विरोधी पर निशाना साधते हुए जब मंच से ऐलान करते …

आशा की किरण आम आदमी पार्टी

भारतीय राजनीतिक पटल पर नया आयाम गढ़ते हुए आम आदमी पार्टी ने अद्भूत विश्वसनीयता के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज की है. अपनी स्थापना के महज 4 साल के छोटे से कार्यकाल में आम आदमी पार्टी जनता के उम्मीदों को पर लगा दी है. आम जनता धारा में चल रही पार्टी से जहां न केवल उब चुकी थी वरन् सारे उम्मीदों …

आखिर एक डरी हुई सेना के सहारे कितनी डिंगे हांकी जा सकती है

पिछले तीन सालों में भारत की एक के बाद एक संस्थायें जिस तेजी के साथ आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है, वह किसी भी सामान्य बुद्धि वाले नागरिक को हताश कर देने के लिए काफी है. रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया, चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट तक तो बदनाम हो ही चुकी है और अब सेना भी अब …

हरिशंकर परसाई की निगाह में भाजपा

कौन कहता है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती ? अगर सलीके से काम लिया जाये और भारतीय जनता पार्टी वाली दिमाग और कार्यशैली हो तो काठ की हांडी की कौन कहें, कागज की हांडी या यौं कहें हवा की हांडी भी न केवल बार-बार चढ़ती है बल्कि उसमें भ्रष्टाचार की खिचड़ी भी बेमिशाल पकती है. आज से करीब …

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