‘संवेदना एक दुधारी तलवार है, जो इसका इस्तेमाल करना नहीं जानता, उसे इससे बचकर रहना चाहिए. इसी में उसकी भलाई है. किसी अफीम की तरह संवेदना शुरू में पीड़ित को सांत्वना देती है, किन्तु इसे देने वाले को यदि इसकी सही मात्रा और अवसर का ज्ञान न हो तो यह जहर बन जाती है.’ [पेज 173] ‘स्टीफन स्वाइग’ का मशहूर …