'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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ये कोई बाहर के लोग हैं या आक्रमणकारी हैं

ये कोई बाहर के लोग हैं या आक्रमणकारी हैं. इस देश के नहीं हो सकते. ये न कबीर को जानते हैं न जायसी, नानक या रैदास को. प्रेमचंद, रेणु या कृष्णचंदर के उपन्यासों-कहानियों में जो समाज दिखता है ये उससे भी नहीं आते हैं, इनके आसपास वो किरदार दिखते ही नहीं है. टैगौर की नज़रों से देखें तो ये इंसान …

इतिहास : पुण्य प्रसुन बाजपेयी और अनजाना फोन कॉल – 2

[ भगत सिंह ने कहा था, ‘व्यक्ति को मार कर विचारों को नहीं मारा जा सकता.’ किशन जी उर्फ कोटेश्वर राव को पाशविकता की हद तक क्रूर पुलिस ने बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी, जिस बर्बरता की गवाह वे तस्वीरें हैं, जो उन दिनों मीडिया में आई थी. परन्तु किशन जी की बर्बर हत्या कर के भी उनके विचारों को …

इतिहास : पुण्य प्रसुन बाजपेयी और अनजाना फोन कॉल

[ भगत सिंह ने कहा था, ‘व्यक्ति को मार कर विचारों को नहीं मारा जा सकता.’ किशन जी उर्फ कोटेश्वर राव को पाशविकता की हद तक क्रूर पुलिस ने बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी, जिस बर्बरता की गवाह वे तस्वीरें हैं, जो उन दिनों मीडिया में आई थी. परन्तु किशन जी की बर्बर हत्या कर के भी उनके …

गरबा मेला : परंपरा के नाम पर खुला सेक्स

[ हिन्दू धर्म में बलात्कार और निरीहों की हत्या को पुण्य कर्म माना जाता है. तुलसीदास जब अपना श्लोक ‘‘ढ़ोल गंवार शुद्र पशु नारी, ये सब है ताड़न के अधिकारी’’ का प्रसिद्ध ज्ञान हिन्दु समाज को दिया तो यह इसी बात का निचोड़ था, जहां धर्म और परंपरा के नाम पर यह कुत्सित कर्म किये जाते हैं तो धर्म और …

नोटबंदी से सजा नकली नोटों का बाजार

देश में 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लागू होने के बाद 500 और 2000 रुपये के नए नोट बाजार में लाए गए. लेकिन इसके कुछ वक्त बाद ही देश के अलग-अलग हिस्सों से 5 सौ और 2 हजार रुपये के नकली नोटों की खेप पकड़ी जाने लगी. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दो हजार रुपये मूल्य वर्ग में नकली …

हथियारबंद समाज की स्थापना ही एक आखिरी रास्ता है

पाकिस्तान में 7 से 12 हज़ार में ए. के. – 47 जैसी बन्दूकें मिल जाती है व घरेलू कारखानों में बड़ी मात्रा में बनाई भी जाती हैं. साथ में 2 से 3 करोड़ ए. के. – 47 जैसी बंदूकें सामान्य नागरिकों के पास है. टैंकों को नष्ट करने के लिए छोटे परमाणु बमों (टेक्टिक बम) के भण्डार है. अमेरिका व …

मुस्कुराकर आगे बढ़ जाना ही बिहारियत है

बिहारी गरीब होते हैं, गंदे होते हैं, बिहारियों को बोलने नहीं आता है, ‘र’ और ‘ड़’ में फर्क नहीं मालूम. कहां पर “स“ और कहा पर “श“ का प्रयोग करना है, बिहारियों को नहीं मालूम … बाकी शहरों में गंदगी फैलाये रहते हैं. कामचोरी और शेखी बघारना जानते हैं. धूर्त होते हैं. एक बिहारी ट्रेन हमारी … आदि आदि. “दूर …

संघ मुक्त भारत क्यों ?

[नीतीश कुमार की पार्टी जदयू जब राजद के साथ बिहार की सत्ता पर काबिज थी तब उन्हीं की पार्टी के एक सक्रिय कार्यकर्त्ता प्रभात कुमार द्वारा प्रकाशित एक पुस्तिका ‘नशा मुक्त समाज और संघ मुक्त भारत के निर्माण को संकल्पित कदम’ थी, जिसमें संघ मुक्त भारत नामक आलेख में भाजपा और उसकी मातृ संगठन आरएसएस पर जमकर प्रहार किया गया था. हलांकि …

रेड कॉरिडोर में लाल क्रांति का सपना (पार्ट 2)

चार राज्यों का रेड कॉरीडोर मध्य प्रदेश से निकले छत्तीसगढ से होते हुये झारखंड, बिहार और बंगाल को भी अपने में समेट लिया. हालांकि इन राज्यों में रेड कॉरीडोर ने उस तरह पांव नहीं पसारे जैसे पुराने चार राज्यों में हुआ. लेकिन आर्थिक सुधार की असल आधुनिक मार के निशान योजनाओं के जरिये या फिर समाज में बढ़ती खाई के …

रेड कॉरिडोर में लाल क्रांति का सपना (पार्ट 1)

“कामरेड, अब आगे आप क्या करेंगे ?” “वापस जंगल लौट जाऊंगा. कम से कम मरुंगा तो अपनों के बीच.” मां के इलाज के लिये भूमिगत जीवन छोड़ कर शहर पहुंचे कामरेड की मां की मौत के बाद कामरेड के इस जबाब ने मुझे अंदर से हिला दिया. क्या वाकई जंगल इतना हसीन है कि उसकी आगोश में मौत भी आ …

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