साम्राज्यवाद-सामंतवाद विरोधी बिरसईत का हुलगुलान और अमर शहीद बिरसा मुंडा के रणनीति और बर्तमान परिस्थिति पर ओरमांझी के बाघिनब॔डा में चर्चा सम्पन्न हुआ. मनमारू और जराइकेला गांव के 7 मुखवीरों ने 3 फरवरी (1900) को जंगल में धुआं उठते देख कर वहां पहुंचा, जहां उनका भगवान बिरसा मुंडा और डोका मुंडा की पत्नी सली सो रही थी और बाकी भात …
साम्राज्यवाद-सामंतवाद-विरोधी आन्दोलन के प्रतीक हैं अमर शहीद बिरसा मुंडा
