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‘हिन्दू राष्ट्र’ के फासिल्स

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'हिन्दू राष्ट्र' के फासिल्स
‘हिन्दू राष्ट्र’ के फासिल्स (स्केच : Salvador Dali)

कल को जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ के फासिल्स तलाशे जाएंगे
तो भावी इतिहासकार हैरान रह जाएंगे यह जानकर
कि हिन्दू राष्ट्र का निर्माण महिलाओं के नग्न शरीर पर हुआ था

फासिल्स में मंदिरों, त्रिशूलों के अवशेष तो मिलेंगे ही
बड़ी मात्रा में महिलाओं के नग्न शरीरों के अवशेष भी मिलेंगे
निश्चित ही क्षत-विक्षत

इतिहासकार हैरान होंगे कि अभी भी उनकी आंखें सही सलामत हैं
बेबसी का भाव अभी भी उन आंखों पर चिपका हुआ है
आंसू का एक कतरा अभी भी आंख की कोर पर टिका हुआ है

इतिहासकार तब और भी हैरान होंगे
जब ये बेबस सूनी आंखें एक लूप में बदल जाएंगी
और लूप के उस पार चलने लगेगी एक फ़िल्म-
दो स्तन, एक योनि और सैकड़ों बजबजाते हाथ

इतिहासकारों के कान सुन्न पड़ जाएंगे
जब वे सुनेंगे
सैकड़ों उन्मादी आवाजें, एक बेबस आवाज को दबोचते हुए

लेकिन चेहरा उन्हें नहीं दिखाई देगा
चेहरों की जरूरत भी क्या है ‘हिन्दू राष्ट्र’ में

नग्न महिलाओं के बगल में ही दफ़्न होंगे नग्न सच
लेकिन साबुत कुछ भी नहीं होगा
सब कुछ क्षत-विक्षत

इतिहासकार यह देखकर फिर हैरान होंगे कि
इन क्षत-विक्षत सच से रिसता खून अभी भी गर्म है

इतिहासकार जब तलाशेंगे
नग्न महिला और नग्न सच
के बीच का रिश्ता

तो वे फिर, फिर हैरान होंगे

कि इतना ‘शक्तिशाली हिन्दू राष्ट्र’
इतनी शर्मनाक मौत क्यों मरा.

  • मनीष आज़ाद

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