'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला

ब्लॉग

‘किसी की ट्रेजडी किसी की कॉमेडी बन जाती है’ – चार्ली चैपलिन

एक बार आठ-दस साल का चार्ली चैप्लिन लंदन की दुपहरी में घर के बाहर खड़ा था. बस यूं ही गली की हलचल देख टाइमपास कर रहा था. तभी उसने देखा कि एक आदमी छोटे से मेमने को पकड़े हुए गली से गुज़र रहा है. गली के सिरे पर एक कसाईखाना था. अचानक ही मेमना उस आदमी की पकड़ से छूट …

…इसके बावजूद इन चुनावों में बहुत कुछ दांव पर है

लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग हो रही है, लेकिन मतदाताओं में उत्साह नहीं दिखलाई देता. पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं ने तो लगभग मुंह ही फेर लिया है. ये एक स्वप्नहीन चुनाव है. एक तरह का यथास्थितिवाद लोकमानस पर हावी है. वोट बदलाव के लिए दिए जाते हैं, लेकिन बदलाव की सूरत नज़र नहीं आती, …

यदुरप्पा की डायरी से बदनाम मोदी से एलन मस्क का मिलने से इंकार

भ्रष्टाचार को मिटाने का दावा करने वाली भाजपा आज ‘भारतीय डस्टबिन पार्टी’ बन गई है. अब यह डस्टबिन इतनी बुरी तरह दुर्गंध फैला रहा है कि देश कौन कहे, विदेशियों तक ने नाक भौं सिकोड़ने लगे हैं. अभी हाल ही में टेस्ला के मालिक एलन मस्क को दिल्ली नरेन्द्र मोदी से मिलने आना था, लेकिन वे मोदी से मिलने के …

विचित्र पत्थर

वाराणसी से कलकत्ता तक पानी वाले जहाज का संचालन शुरू हो गया है. अभी सिर्फ मालवाहक जहाज ही चल रहे हैं और दो एक साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी शुरू हो जाएगा. बीते 30 मार्च को एक जहाज वाराणसी से बनारसी लंगड़े आमों की खेप लेकर कलकत्ता के लिए निकला. जहाज पर लगभग तीस हजार टन आम लदे हुए थे. …

मज़दूरों के लिए इतना बुरा वक़्त कभी नहीं रहा

‘बदलते पर्यावरण के मद्देनज़र, कार्य क्षेत्र पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करना’, विषय पर ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ की रिपोर्ट, 22 अप्रैल 24 को प्रकाशित हुई. मज़दूर वर्ग से प्रतिबद्धता रखने वाले, संवेदनशील व्यक्ति के लिए, इस रिपोर्ट को पढ़ना बहुत मुश्किल काम है. समूची दुनिया में आज पूंजी का राज़, पूंजीवाद क़ायम है. पूंजीवाद में, पूंजी और श्रम के बीच …

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