अगर मेरे पास रिवाल्वर होता
तो क्या होता ?
पुलिस की लाश होती और
मैं आजाद होता…
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पूंजीपति सरकारी संरक्षण में सरकारी पैसे से सरकारी संपत्तियां खरीदकर धनकुबेर बन रहे हैं
फर्ज कीजिए एक बगीचा है जिसका माली सारे छोटे-छोटे पौधों, घास, फूल, झाड़ी इत्यादि के हिस्से क… -
एक कामलोलुप जनकवि आलोकधन्वा की नज़र में मैं रण्डी थी : असीमा भट्ट
आलोकधन्वा हिन्दी के जनवादी कविताओं की दुनिया में बड़ा नाम है. उनकी कविताओं में प्रेम की एक… -
हिंसक होकर हम हिंसा से मुक्त कैसे हो सकते हैं !
मनुष्य हिंसा मुक्त दुनिया बनाना चाहता है. लेकिन मनुष्य का परिवार समाज, मजहब, राजनीति सब हि… -
आवारा और दलाल पूंजी के खतरे के बीच सोनी सोरी के जन्मदिन पर
मोटे तौर पर आवारा और दलाल पूंजी का ख़ुद का अपना कुछ भी नहीं है परन्तु वह ताकत के बल पर मिश…
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