Home कविताएं पत्रकार

पत्रकार

0 second read
0
0
609

पत्रकारों की भीषण बाढ़ है
फूली फूली पत्रकारों की
क्षत विक्षत सड़ी गली लाशें
महक रहीं हैं
इधर उधर
महामारी के भय से
भयभीत है संपूर्ण भारत

खबर का दैनिक विश्लेषण
शिद्दत से चल रहा है
जनता की बात
जनता जाने

मन की बात
घर घर चल रही है
आज की बात
आज तक की जा रही है

संजना रंजना
अंजना रोविना
चौधरी सिन्हा
सैम सरफराज
जो हों
सब की
अपनी अपनी पड़ी है

तुम टिकरी बॉर्डर पर हो
या सिंघु बॉर्डर पर
तुम जहां हो
जैसे हो
वैसे ही रहो
वहीं रहो

सरदार का सुसज्जित दरबार
सजा हुआ है
जल्द से जल्द हाजिर नाजिर होना है
हुजूर को आज की हाजिरी देनी है

कानून किसान का हो
या मजदूर का
तुम जानो
इससे उन्हें क्या लेना

खबर के आदि
खबर के अंत
बस संत
और संत जी हैं

जय श्री राम
जय भारत माता

हिंदी, जब तेरी बात चली
तो तेरी हर बात पर
रोना आया
तुम अब भाषा नहीं
धंधेबाजों के हाथ
एक लाभकारी धंधा हो

प्राइम नंबर की तरह
अनसुलझा है प्राइम टाइम

  • राम प्रसाद यादव

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • ढक्कन

    बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…
  • मैं तुम सबको देख रहा हूं –

    मैं तुम सबको देख रहा हूं. मैं तुम्हारा हर झूठ रिकॉर्ड कर रहा हूं. मैं तुम्हारी हर तोड़-मरो…
  • आखिरी सलाम…

    कॉमरेड हम तुम्हें आखिरी सलाम भी नहीं दे पाये तुम भी तो हमारा इंतजार कर रहे होगे अख़बार में…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

ढक्कन

बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…