'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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जनता अभी भी मनुष्य है, ट्रोल नहीं है…

जी, तो 20 रुपए में एक वक्त के खाने के हिसाब से 30 हज़ार किसानों को 1 करोड़, 80 लाख रुपए का खाना कैसे मिला… तो एक काम कीजिए, गूगल कीजिए…देखिए वो समाचार चैनल्स के इंटरव्यू, जिनमें गुरुद्वारों से लेकर सड़क तक सिख समुदाय, मंदिरों के सेवक, मस्जिदों के नमाज़ी, मदरसों के तालिब और गांव-शहर-सड़क के लोग, ढाबे वाले इनके …

अपराध खत्म करने के नाम पर जब सरकार ही कराने लगी फर्जी मुठभेड़

उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के सफाए पर जोरशोर से काम कर रही है। प्रदेश में अक्सर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती है। इसी तरह बाराबंकी मुठभेड़ में पुलिस ने जहां इसे मुठभेड़ दिखाकर अपनी पीठ थपथपाई वहीं, एक घायल अपराधी ने अपने आप को साथियों सहित तीन दिन पूर्व ही …

त्रिपुरा : चुनाव के बाद

25 वर्ष की अवधि तक राज कर रही माकपा की हार हो गई विधानसभा चुनाव में. इनकी हार और उनकी जीत पर बहस हो सकती है और हो रही है. बहस इस पर भी जारी है कि कम्युनिस्ट पार्टी के लोग अपेक्षाकृत ज्यादा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, जनता के प्रति ज्यादा जवाबदेह होते हैं. भ्रष्टाचार, परिवारवाद जैसे गंभीर आरोपों से लगभग अलग …

एक केजरीवाल को मिटाने में पूरी सियासत नंगी हो गई

भ्रष्टाचारियों की ही जेब में जा रहा है देश की जनता का दिया हुआ टैक्स का पैसा. देश की जनता के दिए हुए टैक्स के पैसे से अडानी, अंबानी, वीडियोकॉन जैसे उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपये का सरकारी ऋण माफ करने के साथ-साथ हजारों करोड़ रुपये और दे दिए टैक्स रिबेट के रूप में नरेन्द्र मोदी सरकार और नेहरू-गांधी परिवार …

सैन्य राष्ट्रवादिता के खिलाफ

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने 14 जनवरी से 19 जनवरी के बीच भारत की यात्रा की. इस साल भारत और इजरायल के बीच 1992 में शुरू हुए राजननियक संबंध के 25 साल पूरे हुए. इन संबंधों की शुरुआत सोवियत संघ के विघटन के साथ अंत हुए शीत युद्ध के परिप्रेक्ष्य में हुई थी. 2017 में 4 से 6 जुलाई …

भारत में मीडिया की सिमटती आजादी

मीडिया वेबसाइट हूट की इंडिया फ्रीडम रिपोर्ट, 2017 इस नतीजे पर पहुंची है कि पिछले एक साल में भारत में पत्रकारिता के लिए माहौल खराब हुआ है. गौरी लंकेश समेत दो पत्रकारों की गोली मारी गई. एक और पत्रकार की हत्या की गई. कुल 11 पत्रकार मारे गए. लेकिन इनमें से तीन की हत्या सीधे-सीधे उनकी पत्रकारिता से जुड़ती है. …

देश की अर्थव्यवस्था और जनता

आर्थिक समीक्षा में 2017-18 और 2018-19 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास दर क्रमशः 6.75 फीसदी और 7-7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक 2014-15 से 2016-17 के बीच जीडीपी की विकास दर औसतन 7.5 फीसदी रही. अगर ये दोनों आंकड़े सही हैं तो संभवतः भारत की अर्थव्यवस्था इस दौरान दुनिया में सबसे तेजी से …

सत्ता के अहंकार में रोजगार पर युवाओं के साथ मजाक

चार सालों से पूरे देश में धार्मिक आयोजन भी एक संगठित उद्योग का रूप लेने की जद्दोजहद करता दीख रहा है. एक के बाद एक धार्मिक आयोजनों का सिलसिला कहीं थम न जाये, सरकारें इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखती है या नहीं, पर उनके मुखिया इस कार्यक्रमों में शिरकत करते दिखते रहते है. कितने भीख मांगने वालों के पास “आधार …

बैंकों का बढ़ता घाटा और पूंजीवादी संकट

अक्टूबर-दिसंबर के 3 महीने में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को 2,416 करोड़ का घाटा हुआ. उसके 25 हजार 836 करोड़ के कर्ज और डूब गए. कुल एनपीए अब 1 लाख 99 हजार करोड़ है, जिसमें वो शामिल नहीं जो पहले ही राइट ऑफ कर दिए गए हैं. कुल कर्ज का 10.35% अब एनपीए है और मेरा अनुमान है कि अभी …

दिल्ली मेट्रोः किराया बढ़ोतरी के विरोध में एक जरूरी कदम

मेरे एक घनिष्ट मित्र को मेरे एक मत से काफी समय से तकलीफ थी. आज पता चली. मैंने अक्टूबर माह से मेट्रो में सफर बंद कर दिया था. मेरा मानना था कि मेट्रो ने किराया 60% बढ़ाकर अपने मूल उद्दयेश के साथ बहुत बड़ा अतिक्रमण किया है. फिर ये भी सुचना थी कि आगे भी अक्टूबर माह में किराया बढेगा …

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