सारांश : भाजपा का एजेंडा कॉर्पोरेट शोषण को बढ़ावा देना और सनातन धर्म में निहित दमनकारी हिंसा को कायम रखना है. ये सभी नीतियां संचयी रूप से, पुरानी असमानताओं को जारी रखते हुए, असमानता के नए रूपों को भी बढ़ावा दे रही हैं. भाजपा अच्छी तरह से जानती है कि माओवादी आंदोलन के पास जीवन के उन्हीं क्षेत्रों में विकल्प …
क्या अमित शाह का माओवाद मुक्त भारत का सपना पूरा होगा ?
