समय के हर कालखण्ड में जनता के अधिकारों के लिए सत्ता की आंखों में आंखें डालकर सवाल पूछने और उससे सत्ता से लोहा लेने वाले बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों, कवियों की मौजूदगी रही है और उनकी यही मौजूदगी आम जनता में अपने अधिकारों के लिए सत्ता के आतंक का डटकर सामना करने के साहस का संचार करता है. यह दौर उस …
जनता के अधिकारों के लिए सत्ता से लोहा लेने वाले हबीब जालिब
