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देश, देशभक्ति और तिरंगा

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देशप्रेम आपके लिए देशप्रेम है
सत्ता के लिए देशप्रेम
एक मुखौटा है.

देशभक्ति आपके लिए देशभक्ति है
सत्ता के लिए देशभक्ति
बांट रखने का धारदार हथियार है

राष्ट्रवाद आप के लिए राष्ट्र की बात है
सत्ता के लिए वही राष्ट्र वाद सत्ता पर
सत्ता जमाये रखने का कारगर औजार है

तिरंगा आपके लिए
आन, बान, शान और जान है
सत्ता के लिए वही तिरंगा
अपना काला चेहरा छुपाने की चादर है

गृहमंत्री तब तक गृह मंत्री है
जब तक गृह का है

रक्षामंत्री तब तक रक्षा मंत्री है
जब तक देश और
देश की जनता की सुरक्षा में है

प्रधानमंत्री तब तक प्रधान मंत्री है
जब तक बहुसंख्यक के स्वार्थ की प्राथमिकता
प्रधान की प्राथमिकता में है

अदालत तब तक अदालत है
जब तक अदालत न्याय करती है

पत्रकार साहित्यकार..
तब तक पत्रकार साहित्यकार … हैं
जब तक वे सच के साथ खड़े
सत्ता की दलाली में नहीं हैं

एक दुर्बल नपुंसक सत्ता की आंख में
हर मुसलमान पाकिस्तानी
हर सिख खालिस्तानी है
प्रतिवादी छात्र माओवादी
प्रतिवादी शहरी अर्बन नक्सल बन जाता हैं
हर प्रतिवादी नागरिक देशद्रोही हो जाता है

सत्ता जो कहती है, होती नहीं है
जो होती है, कहती नहीं है

सत्ता गर्व करती है
वह चुनी हुई सत्ता है
इसलिए वह चुने जाने के पहले
हवा बनाती है
और हवा बनने के बाद
हम उसे चुनते हैं
और बदले में हमें जो मिलती है
सब हवा हवाई ही होती है

हमारी राजधानी दिल्ली है जहां से हम
शासित या नियंत्रित होते हैं
लेकिन एक अदृश्य राजधानी और होती है
जहां से सत्तासीन सत्ता नियंत्रित होती है

  • राम प्रसाद यादव

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