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डिमोशन-प्रमोशन

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डिमोशन-प्रमोशन
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एक व्यक्ति ने मुसलमान के घर खाना खा लिया तो गांव के पंडित ने उसके पिताजी से कहा – ‘आपके छोटे लड़के ने मुसलमान के घर खाना खा लिया, वो मुसलमान हो गया और बडा बेटा हरिजन के घर खा लिया तो वो हरिजन हो गया. अब आपके दोनों बेटे आपके नहीं रहे. वे भ्रष्ट हो चुके हैं.’

उनके पिता ने पण्डित से कहा – ‘ये तो बडा अपराध हो गया है. अब एक काम कर लेते हैं, बड़े को कहते हैं तुम राजपूत के यहां खाकर राजपूत बन जाओ और छोटे को ब्राह्मण के घर खिलाकर ब्राह्मण बना देते हैं.’

तो पंडित बोला – ‘ये कैसे हो सकता है. ये नहीं हो सकता. वो तो अपवित्र हो चुके हैं !!’

तो उनके पिताजी ने उनसे एक बात पूछी (जो सबको पूछनी चाहिये) – ‘क्या हिन्दु धर्म में सिर्फ डिमोशन ही होते हैं, प्रमोशन नहीं हो सकता ???’

  • संजय बनर्जी

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