'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
Home गेस्ट ब्लॉग (page 317)

गेस्ट ब्लॉग

Featured posts

चेरूकुरी राजकुमार उर्फ आजाद की हत्या पर पुण्य प्रसून वाजपेयी

[ चेरूकुरी राजकुमार उर्फ आजाद भारत के क्रांतिकारी इतिहास के एक महान क्रांतिकारी बुद्धिजीवी थे. सरकारी अमलों द्वारा ठंढ़े दिमाग की से गई उनकी हत्या यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि क्यों भारत सरकार शिक्षा को बजट लगातार कम कर रही है, और देशवासियों को मूर्ख बनाये रखने के लिए उन तमाम बुद्धिजीवियों की हत्या कर रही है, …

चुनावी फायदा के लिए सेना का घृणित इस्तेमाल

क्या सेना के किसी बड़े जनरल, DGMO, अफसर या प्रवक्ता ने भाजपा द्वारा सेना के चुनावी फायदा उठाऊ पोस्टर्स, अभियान और नीति पर कोई आपत्ति दर्ज कराई ? क्या सेना के किसी रिटायर्ड जनरल या अधिकारी ने मोदी, मनोहर पर्रिकर, निर्मला सीतारमण,अमित शाह आदि व भाजपा के द्वारा सेना की मर्यादा को ताख पर रखते हुए अपने चुनावी फायदे के …

घृणा की आग में जलता गुजरात

गुजरात के कुछ हिस्सों से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर अत्याचार की हृदय विदारक तस्वीरें देखने को मिली. उत्तर भारतियों के पलायन की खबरें लगातार आ रही हैं. उनकी बस्तियां जलाई जा रही हैं और घर फूंके जा रहे. ट्रेन भी मह्फूज़ नहीं. बताया जा रहा है कि एक 14 महीने की बच्ची के साथ हुए रेप की …

मोदी सरकार का बिजली बिल में खतरनाक संशोधन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शीतकालीन सत्र के दौरान दिसम्बर 2018 में Electricity Act 2003 में एक खतरनाक संशोधन ला रही है. इस संशोधन के जरिये सभी अधिकार राज्यों से छीनकर केंद्र सरकार अपने पास रख ले रही है. इस नए बिल …

मान लीजिए…..मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल है..

हो सकता है डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत का असर सरकार पर ना पड़ रहा हो और सरकार ये सोच रही हो कि उसका वोटर तो देशभक्त है और रुपया देशभक्ति का प्रतीक है क्योंकि डॉलर तो विदेशी करेंसी है. पर जब किसी देश की अर्थव्यवस्था संभाले ना संभले तो सवाल सिर्फ करेंसी का नहीं होता. और ये …

द ग्रेट बनाना रिपब्लिक ऑफ इंडिया

दुनिया का सबसे बडा लोकतांत्रिक देश बनाना रिपब्लिक की राह पर है, ये आवाज 2011 से 2014 के बीच जितनी तेज थी, 2014 के बाद उतनी ही मंद है या कहें अब कोई नहीं कहता कि भारत बनाना रिपब्लिक की दिशा में है. 2011 में देश के सर्वप्रमुख व्यवसायी रतन टाटा ने कहा, ‘‘भारत भी बनाना रिपब्लिक बनने की दिशा …

सरकार की हर योजना गरीब की जेब काट सरकरी खजाने को भरने वाली साबित हो रही है

आर्थिक या जाति से “दलित“ वर्ग के परिवार के राशनकार्ड, मनरेगा जॉबकार्ड, बृद्धा अवस्था पेंशन, विधवा पेंशन आदि-आदि में पहले से दर्ज सूचना और बैंक में दर्ज सूचना का आधार कार्ड में दर्ज सूचना से मेल न खाने पर उन्हें फर्जी लाभार्थी बता अब तक लाखों बेसहारा परिवारों को उन योजनाओं का लाभ लेने से वंचित किया जा चुका है. …

भारत सरकार के दोनों फैसले नेहरूयुगीन नीतियों का ही स्वाभविक विस्तार है

बीते कल भारत सरकार ने दो अहम फैसले लिए, पहला, रशिया के साथ S 400 खरीद समझौता, दूसरा ईरानी crude खरीदने का फैसला. कहा जा रहा है कि अमरिकी दवाब के वावज़ूद लिए गए इन फैसलों से मोदी की इच्छाशक्ति ( क्योंकि 2014 के बाद भारत सरकार मोदी सरकार बन गई) जाहिर होती है. दरअसल, तथ्य इसके ठीक विपरीत है. …

देश को सबसे ज्यादा कर्ज में डुबाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने मोदी

नरेन्द्र मोदी अब तक के सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले प्रधानमंत्री हैं. ये कांग्रेसियों या वामपंथियों के IT सेल की रिपोर्ट नहीं, बल्कि विश्व बैंक की रिपोर्ट है जो World Bank की Official Website पर उपलब्ध है….समीर शेखर का विश्लेषण सोशल मीडिया पर यह मिथ्या ख़बर पिछले 4 महीनों से फैलाई जा रही है कि हमारी सरकार बिना विश्व बैंक से लोन लिए …

मोदी सरकार की अमेरिकापरस्त विदेश नीति

[ माइकल नोस्टरैडैम्स (1503 – 1566) कहते हैं कि “किसी भी देश का शासक अगर अपनी जनता से ज़्यादा अपने वस्त्रों पर ध्यान दे तो समझ लीजिए कि उस देश की बागडोर एक बेहद कमज़ोर, सनकी और डरे हुए इंसान के हाथों में है.” तो वहीं मार्टिन लूथर किंग के अनुसार “जहां सियासत धार्मिक मसलों को शांत करे, वो देश महान …

1...316317318...334Page 317 of 334

Advertisement