'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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उत्तर कोरिया की आम जनता का जीवन स्तर अमेरिका के बराबर या कई मायनों में अमेरिका से भी उपर ही है

उत्तर कोरिया के निवासियों के जैसे रहने के लिए अमेरिका के निवासियों को कितना खर्च करना पड़ेगा ? कर दी ना बेतुकी बात ! अब भला दुनिया के ‘गरीबतम’ मुल्कों में गिने जाने वाले उत्तर कोरिया के लोगों का जीवन स्तर की तुलना दुनिया के ‘सबसे अमीर’ मुल्क अमेरिका के लोगों के जीवन स्तर से की जा सकती है भला …

इसरो चीफ का बयान प्रकरण : अंधविश्वास विज्ञान दूर करता है, न कि वैज्ञानिक

इसरो प्रमुख सोमनाथ के वेदों मे विज्ञान बयान पर किसी तरह का आश्चर्य नहीं होना चाहिए, वो भी इस चाटुकारिता युग में. यहां तक कि भौतिकी के आधारस्तंभ न्यूटन ने बाईबल से वैज्ञानिक जानकारी निकालने के अपने प्रयास का उल्लेख किया है. इस बेवकूफी भरे बयान से उनका भौतिकी को योगदान रत्तीभर कम नहीं होता. न्यूटन ने ये तक कहा …

भारत की मेहनतकश जनता के सच्चे मित्र सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय कमेटी सदस्य कॉ. मिलिंद बाबूराव तेलतुमब्डे अमर रहें !

13 नवंबर, 2021 को महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्यों के सीमावर्ती ग्राम पारेवा के पास ठहरे गुरिल्ला बलों पर गढ़चिरोली के सी-60 कमांडों द्वारा किए गए एक भीषण हमले का सामना करते हुए 27 कामरेडों ने अपनी जान की कुरबानी दी. शहीदों में भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड मिलिंद बाबूराव तेलतुमब्डे भी शामिल थे. ‘प्रभात’ उन्हें विनम्र श्रद्धांजली अर्पित …

नफरत का विश्वगुरु आरएसएस, आज भी कांग्रेस के लिए दरी बिछाता है…!

‘सुपर इंडिया- नेक्स्ट मिलिट्री पावर’ की कवर स्टोरी के साथ 3 अप्रैल 1989 को टाइम मैगजीन ने, में वर्ल्ड स्टेज भारत के आगमन की दुदुम्भी बजा दी थी. दरअसल 5 साल से दक्षिण एशिया में हिंदुस्तानी सेना की तूती बोल रही थी. एक के पीछे एक, सैनिक और राजनीतिक सफलताओं ने भारत को क्षेत्रीय महाशक्ति के रूप में उभार दिया …

हम इस देश के करोड़ों मुसलमान को क्या संदेश दे रहे हैं ?

तथ्य-1. मोनिजा अहसन लिखती हैं – मेरी भांजी दिल्ली के एक प्रसिद्ध स्कूल (नाम लिखने से बचना चाहूंगी) में क्लास 3 की छात्रा है. पिछले कुछ दिनों से स्कूल से आकर वो काफी खामोश सी रहने लगी. बिना बात के रोना, स्कूल जाने के नाम से बहाने करना. मेरी बहन को उसका ये व्यवहार कुछ अजीब सा लगा. उसने जानने …

गुटनिरपेक्ष देशों के गुट से बाहर आकर मोदी ने भारत को दुनिया का फुटबॉल बना दिया

विदेशों में भारत देश की इज्जत पटरी से उतारने में किसका हाथ है ? हमको यहां इस दुर्गति तक किसने पहुंचाया है ? क्या थे और क्या हो गये ! गुटनिरपेक्षता, खुद एक गुट था. जी हां, विश्व राजनीति के पटल पर, जो कूटनीति में असलियत बताने के लिए नहीं, असलियत छुपाने के लिए इस्तेमाल होते हैं गुटनिरपेक्षता के नाम …

तालकटोरा में मजदूरों और किसानों का अखिल भारतीय संयुक्त सम्मेलन और उसका घोषणा-पत्र

24 अगस्त, 2023 को तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों/ फेडरेशनों/एसोसिएशनों और संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर आयोजित श्रमिकों और किसानों का यह अखिल भारतीय संयुक्त सम्मेलन, जो कामकाजी लोगों के बड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है, देश में 2014 से केंद्र सरकार द्वारा आक्रामक रूप से अपनाई जा रही विनाशकारी और कॉर्पाेरेट समर्थक नीतियों के …

ISRO : भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई, नेहरू और संघियों का दुश्प्रचार

चन्द्रयान 3 के लैंडर विक्रम के सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की प्रक्रिया ने जहां विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों का सर गर्व से ऊंचा कर दिया, वहीं इसका श्रेय लेने के लिए अनपढ़ों, विरोधियों का सरगना एंड कंपनी ताबड़तोड़ कुचेष्टा में जुट गया. पनौती के रुप में कुख्यात भारत का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां विदेश …

‘जाति व्यवस्था को तोड़ना असंभव नहीं है’ – प्रो. आनंद तेलतुंबडे

आनंद तेलतुंबडे एक विद्वान और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता हैं, जो बी. आर. अंबेडकर पर अपने व्यापक काम के लिए जाने जाते हैं. उन्हें 2020 में एल्गार परिषद् मामले में गिरफ्तार किया गया था और 31 महीने जेल में बिताने के बाद नवंबर 2022 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. 72 वर्षीय आनंद ने स्निग्धेंदु भट्टाचार्य से बात की …

फरीदाबाद : मालिकों द्वारा मजदूरी मांगने पर मज़दूरों पर हाथ उठाने की एक और वारदात

इंदरजीत चोपड़ा और विवेक चोपड़ा के मालिकाने की फैक्ट्री, ‘मार्शल ऑटो प्रोडक्ट्स प्रा. लि., प्लॉट नं. 390-393, सेक्टर 24, फ़रीदाबाद’, में ऑटो पार्ट्स बनते हैं. इस फैक्ट्री के गेट के बाहर, स्वतंत्रता दिवस से पहली रात वही तक़लीफ़देह नज़ारा था जो अब फ़रीदाबाद में आए दिन नज़र आने लगा है. फैक्ट्री में कुल 150 मज़दूर काम करते हैं. पिछले महीने …

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