'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
Home कविताएं (page 21)

कविताएं

गतानुगतिक

रोज़ एक ख़ास वक्त पर एक ख़ास तल्ले पर रुकती है लिफ्ट गलियारे के शीशे की खिड़की से झांकता है उस पार मेरा सोता हुआ बच्चा घुटने को छुपाये हुए पेट में कहता है पापा, देखो ना खेलते-खेलते कितना बड़ा हो गया हूँ मैं आपके कंधे क्यों और झुक जाते हैं रोज़, दफ़तर से लौटने के बाद बौने होते जा …

मुक्ति का रास्ता

मालिक लोग आते हैं, जाते हैं कभी तिरंगा, कभी भगवा कुर्ता पहनकर, कभी सफेद, कभी हरा, कभी नीला तो कभी लाल कुर्ता पहनकर. मालिक लोग चले जाते हैं तुम वहीं के वहीं रह जाते हो आश्वासनों की अफीम चाटते किस्मत का रोना रोते धरम-करम के भरम में जीते. आगे बढ़ो. मालिकों के रंग-बिरंगे कुर्ते को नोचकर उन्हें नंगा करो. अपनी …

विकास का आकाश

विकास का आकाश इतना संकीर्ण ! सोचा नहीं था देशभक्ति का रंग इतना दागदार ! सोचा नहीं था पता तो था उस मार्ग के कुमार्ग का शीर्ष का सिंहासन मगर इतना पतित ! इतना गलीज !! सोचा नहीं था उस हाथ से इस हाथ सौंपा था सत्ता मगर यह क्या यह भी रंगा सियार हू ब हू उसी का कलर …

मोदी जी आए हैं …

मां बेटे की सरकार गई मोदी जी आए हैं कतारबद्ध खड़े रहो सब के लिए रोटी लाए हैं लोगों जरा सब्र करो सब के लिए बोटी लाए हैं चिंता की बात नहीं बिहार हो या आंध्र बिसात बिछ गई है सब के लिए गोटी लाए हैं मोदी जी आए हैं … युवाओं, देश आपका ऋणी रहेगा आप ने भरोसा जताया …

स्टेन स्वामी : 83 वर्षीय बूढे ‘देशद्रोही’ को सलाम

यह ऐरा-गैरा 83 वर्षीय बूढ़ा नहीं है मेरी देशभक्त सरकार का कहना है यह भीमा-कोरेगांव का साजिशकर्ता है यह दलितों को बगावत के लिए उकसाता है यह देश की शान्ति के लिए खतरा है यह क्रांति का एक साजिशकर्ता है यह आदिवासियों को भड़काता है इस तरह देश के विकास को बाधित करता है देश के खिलाफ साजिश करता है …

अराजनीतिक बुद्धिजीवी

एक दिन, देश के अराजनीतिक बुद्धिजीवियों से, हमारी भोली-भाली जनता..! करेगी कुछ सवाल..! पूछेगी वह उनसे, क्या किया था उन्होंने..? जब मर रहा था उनका देश..! सांस दर सांस… एक मीठी निपट अकेली, मद्धम आंच की तरह..! नहीं पूछेगा कोई उनसे, कि क्या पहनते थे वह..? या कि कैसे..? एक शाहाना लंच के बाद लेते थे, चैन की लंबी नींद..! …

अंतरराष्ट्रीय साज़िश

एक अंतरराष्ट्रीय साज़िश के तहत उस बच्चे ने कहा था अपनी मांं से मरने से पहले एक रोटी दे दो मांं मुझे बहुत भूख लगी है वह कितनी बड़ी अंतरराष्ट्रीय साज़िश थी जब एक युवक ने कहा मुझे वर्षों से नौकरी नहीं मिल रही है जीने का कोई अर्थ नहीं बचा अब मैं आत्महत्या कर लेना चाहता हूंं वह तो …

एफिल टावर

एफिल टावर शहर के किसी कोने से देखा जा सकता है मैं उसकी बगल में हूं मैं किसी एंगल से दिख नहीं रहा हूं अगल बगल बहुत भीड़ है मैं उन्हें नहीं जानता न वे मुझे जानते हैं मधुमक्खी के इस छत्तानुमा शहर में मै एक मजदूर मधुमक्खी हूं जिसका एक ही काम है ऐय्यास और आराम तलब रानी के …

अगर तुम औरत हो…

अगर तुम कश्मीरी औरत हो तो राष्ट्रभक्ति के लिए हो सकता है तुम्हारा बलात्कार, बलात्कारियों के समर्थन में फहराये जा सकते हैं तिरंगे. अगर तुम मणिपुरी या सात बहनों के देश की बेटी हो तो भी रौंदी जा सकती हो तुम, राष्ट्रभक्ति के लिए तुम्हारी योनि में मारी जा सकती है गोली. अगर तुम आदिवासी औरत हो तो तुम्हारी योनि …

प्रकृति से प्रेम करो ना

प्रकृति से प्रेम करो ना मैं कुछ न करूं तुम्हीं कुछ करो ना इन जीव-जन्तुओं के लिए भी जंगल-जमीन छोड़ों न परिन्दों को भी उन्मुक्त गगन में उड़ने दो ना उन्हें अपने भोजन के लिए न मारो पेट को श्मशान घाट न बनाओ जमीन, जंगल, हवा, धूप, आसमां समान रूप से प्रकृति ने सभी को दिया उनके लिए भी उनका …

1...202122...27Page 21 of 27

Advertisement