तुम ईद मनाओ, जगन्नाथ के रथ को हांको बड़े मोलवियों और पुजारियों की बधाई ले लो मैं तुम्हारे बिखेरे रक्त-धब्बों को अपने आंंसुओं से साफ़ करता रहूंगा तुम ईद-निमाज़ पढ़ो, अल्लाह का गुणगान करो जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की जय-जयकार करो पत्थरों में ढलते क्रोध को अपने हाथों से उछालो यह सोचे बिना कि हाथ भी तुम्हारे ही हैं और …
लाशें, ईद और रथयात्रा
