Home कविताएं पिछला दरवाज़ा

पिछला दरवाज़ा

0 second read
0
0
340

अक्सर
पिछले दरवाज़े से
मैं दाख़िल होता हूं
अपने ही घर में
नहीं
चोरी कर
देर रात घर नहीं लौटता मैं
अक्सर
शाम ढलते ही
लौट आता हूं घर
जो दिन भर
व्यस्त रहते हैं
कमाने खाने में
दरअसल वे लौटते हैं घर
देर रात
सामने के दरवाज़े से
शोर मचाते हुए
उनके लौटने तक
एक नींद पूरी हो जाती है मेरी
संध्या
अपना मलिन वसन
जलकुंभी भरे तलैया के
किनारे उतार कर
कब का ढल चुकी होती है
निर्जन मंदिर के दीये में
जो लौटते हैं मैदान मार कर देर रात
घर में
उनसे मेरी कोई तुलना नहीं है
मेरी आवारगी का हासिल
न उन्हें है
न ही उनकी मसरुफियत का हासिल मुझे
बस एक इत्तेफाक है कि
उनके बनाए हुए मकानों के साए में
गुज़र जाती है रात
क्योंकि
वे मेरे कमरे में
आना जाना पसंद नहीं करते
उन्होंने कभी गिनकर रोटियां नहीं खाईं
अगर गिने होते तो पता होता
कि मेरा हिस्सा उनके निवाले में
कब और कैसे आ गया
दिन भर
उस तवा सा सिंकता हूं
जिस पर बनती हैं रोटियां
लेकिन
मेरे नसीब में रोटियां नहीं हैं
मेरा लोहा
जलता है
घिसता है
और दुबला होने पर
उनके घोड़ों के नाल के काम आता है
एक दिन
घोड़े के घिसे हुए नाल को
वे लगा लेंगे
अपने घरों के सामने के दरवाज़े पर
अपशगुन भगाने के अचूक उपाय की तरह
और
मैं देख नहीं सकूंगा
ज़िंदा रहते हुए
अख़बारों में अपनी ही मौत का विज्ञापन
इसलिए
अपने ही घर में
पिछले दरवाज़े से घुसने के लिए
अभिशप्त हूं मैं
सदा के लिए.

  • सुब्रतो चटर्जी

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • ढक्कन

    बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…
  • मैं तुम सबको देख रहा हूं –

    मैं तुम सबको देख रहा हूं. मैं तुम्हारा हर झूठ रिकॉर्ड कर रहा हूं. मैं तुम्हारी हर तोड़-मरो…
  • आखिरी सलाम…

    कॉमरेड हम तुम्हें आखिरी सलाम भी नहीं दे पाये तुम भी तो हमारा इंतजार कर रहे होगे अख़बार में…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

ढक्कन

बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…