Home कविताएं तब बात करेंगे …

तब बात करेंगे …

0 second read
0
0
292

‘जय भीम’ देखकर
क्या समझोगे साहब ?
हम मुसलमान हैं !
हम अल्ताफ हैं !
हम रोज़ झेलते हैं !
हम कासगंज एटा में
आपकी नफ़रत के चलते चुनी व्यवस्था का
दंश झेल रहे हैं.
एक दिन ये राक्षस
आपके दरवाज़े पर भी नाचेगा !
तब बात करेंगे !

  • फरीदी अल हसन तनवीर

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • औरत

    महिलाएं चूल्हे पर चावल रख रही हैं जिनके चेहरों की सारी सुन्दरता और आकर्षण गर्म चूल्हे से उ…
  • लाशों के भी नाखून बढ़ते हैं…

    1. संभव है संभव है कि तुम्हारे द्वारा की गई हत्या के जुर्म में मुझे फांसी पर लटका दिया जाए…
  • ख़ूबसूरत कौन- लड़की या लड़का ?

    अगर महिलायें गंजी हो जायें, तो बदसूरत लगती हैं… अगर महिलाओं की मुंछें आ जायें, तो बद…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

चार्ली चैपलिन के जन्मदिन (16 अप्रैल) पर…सत्ता और ताक़त का माखौल उड़ाने वाला कलाकार

हिटलर, मित्र सेनाओं और समाजवादी सोवियत संघ से हारने से पहले एक कलाकार से बुरी तरह हार चुका…