लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग हो रही है, लेकिन मतदाताओं में उत्साह नहीं दिखलाई देता. पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं ने तो लगभग मुंह ही फेर लिया है. ये एक स्वप्नहीन चुनाव है. एक तरह का यथास्थितिवाद लोकमानस पर हावी है. वोट बदलाव के लिए दिए जाते हैं, लेकिन बदलाव की सूरत नज़र नहीं आती, …