'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

कमलेश

राम लाल पेशे से कुम्हार था. दिन भर मेहनत करके बमुश्किल अपने बीवी बच्चों को खाना नसीब करवा पाता था. दिये, गुल्लक, छोटी मोटी मूर्तियां, मिट्टी के खिलोने तो जैसे उसके हाथ लगते ही जीवित हो उठते थे. राम लाल की कला का दीवाना लगभग आसपास का सारा इलाका था. लेकिन चीन की झालर और मूर्तियों ने उसके व्यापार का …

अपना-अपना भालू

एक बार एक वैज्ञानिक जंगल में किसी काम से जा रहा था. तभी उसने ‘सोनू आर्या’ नामक एक शख्स को एक गुफा के बाहर धूप-अगरबत्ती करते हुए देखा. कौतूहल में आकर वैज्ञानिक ने इसका कारण पूछा तो सोनू आर्या ने जवाब दिया – ‘इस गुफा में एक पवित्र भालू रहता है, जिसकी हम पूजा करते हैं.’ वैज्ञानिक – ‘आपने कभी …

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं. चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है. उत्सुकतावश देखने पर उसने पाया कि वो एक चूहेदानी थी. ख़तरा भांपने पर उसने पिछवाड़े में जाकर कबूतर को यह …

देश सेवा

किसी देश में दो नेता रहते थे. एक बड़ा नेता था और एक छोटा नेता था. दोनों में बड़ा प्रेम था. दोनों मिलकर देश सेवा करते थे. फिर पता नहीं क्या हुआ कि छोटा नेता, बड़े नेता से छिपा कर अकेले देश सेवा करने लगा. बहुत दिनों तक यह बात बड़े नेता को पता नहीं चली लेकिन एक दिन यह …

अवध का एक गायक और एक नवाब

उर्दू के विख्यात लेखक अब्दुल हलीम शरर की एक किताब ‘गुज़िश्ता लखनऊ’ है, जो हिंदी में पुराना लखनऊ नाम से छपी है. इस किताब में कुछ ऐसे लोगों के वाक्यात बयान किए गए हैं, जो अपने फन में, अपनी कला में माहिर थे, लाजवाब थे. एक बार अवध के नवाब ने अपने दरबारी गायक से पूछा, क्यों जी क्या अवध …

फकीर

एक राज्य का राजा मर गया. अब समस्या आ गई कि नया राजा कौन हो ? तभी महल के बाहर से एक फ़क़ीर गुजर रहा था. किसी ने सलाह दी कि इस फ़क़ीर को बना दो. न इसके कोई आगे-पीछे, यह राज्य के लिए ठीक रहेगा. फ़क़ीर को पकड़ कर लाया गया और राज्य का नया राजा घोषित कर दिया …

दलित मालिक, सवर्ण रसोईया

दलित जाति के एक युवक की नौकरी लग गई. कुछ दिन तो वो युवक अपने गांव आता जाता रहा. शादी ब्याह होने के बाद वो अपने नौकरी वाले शहर में ही व्यस्त हो गया. धीरे-धीरे उसका गांव आना जाना बिल्कुल छुट गया. उधर नौकरी मे तरक्की भी हुई और बाल बच्चे भी अच्छे स्कुल कालेज में पढ़ने लगे. गांव मे …

पागलखाना प्रसंग (लघुकथाएं)

जब पागल खाने का दरवाजा टूटा तो पागल निकाल कर इधर-उधर भागने लगे और तरह-तरह की बातें और हरकतें करने लगे. पागलखाना-प्रसंग : एक पागलखाने से भागे एक पागल ने घोषणा कर दी कि वह अमेरिका का राष्ट्रपति है. दूसरे ने घोषणा कर दी कि वह रूस का राष्ट्रपति है. तब तो पागलों में राष्ट्रपति बनने की होड़ लग गई. …

सेठ जी का पैसा

एक सेठ जी एक करोड़ रूपया नगद लेकर ट्रेन में सफर कर रहे थे. अपने आप को सुरक्षित करने के लिए उन्होंने आसपास के लोगों से कहा – ‘भैया आपके पास जो भी नगदी या जेवर हो उसे संभाल कर रखना क्योंकि अब जो इलाका आ रहा है, वहां चोरी बहुत होती है. रात को सोना मत, जागते रहना.’ आसपास …

कुम्भीपाक नर्क का दृश्य

कुम्भीपाक नर्क का दृश्य है. मार्गदर्शक जी एक कड़ाही में उबाले जा रहे थे. दर्द काफी था. बगल में देखा, लोयाहंटर कमर तक तेल में तला जा रहा था. मार्गदर्शक जी को नर्क के मैनेजर पर बड़ा गुस्सा आया. इसके करम तो मुझसे भी खराब थे. ●● पूछा- अरे, जीतेजी ऐसा क्या ही सत्कर्म कर दिया तूने, कि सिर्फ आधा …

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