मंडी

0 second read
0
0
375

 

वहां
सूअर का मांस महंगा हो गया
और यहां
दाल महंगी हो गई

गोकशी की इजाज़त
कुछ गिनती के इज्जतदारों को है

बाजार में
तेल के दाम जो हों
देह
तेल तेल हो रही है

गणित का यह ओलिंपियाड
आसान रहनेवाला नहीं है

आधा खाली और
आधा भरा ग्लास का तरन्नुम बस इतना है
कि
सब्र का बांध जब टूटता है
तराई में तबाही मच जाती है

सुरंग लाशों से पट जाती है

एसयूवी में चलना
एमएसपी का मांगना
जायज या नाजायज है
चुनाव बाद तय होना है

नैतिकता का यही स्वीकृत पैमाना है

फिल्हाल, अर्जुन के लिए
एकलव्य के अंगूठे कटने देते हैं

वोट के पहले
फंड भी तो चाहिए
अब यह उसकी स्वायत्तता है
वह किसके साथ सोए

बात घाटे और लाभ की नहीं
बेचने और
गिरने की है
बात सिंपल सी है

उस प्रवर प्रवचन का जवाब नहीं

जंग जंग होता है
जिस तरीक़े से जीता जाय
बस जीता जाय

खुली मंडी है
बिकने का
गिरने का यहां
सबको समान अधिकार है

कोई चल कर गिरता है
कोई बैठे बैठे
गौरव इस बात में है कि
कौन कितना ऊंचे से नीचे गिरता है
कौन कितना नीचे से ऊंचे में बिकता है

लिबास जितना चमकता हो
पद कद और छत
जितने ऊंचे हों
जहां तक मुझे पता है
सुबह के नाश्ते
दोपहर या रात के खाने में
सोने के बिस्किट तो कतई नहीं होंगे

अन्नदाता का यह पवित्र संबोधन कितना अर्थवान है
अन्नदाता तुम्हारे इस अंतरार्थ को खूब समझता है

  • राम प्रसाद यादव

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • ढक्कन

    बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…
  • मैं तुम सबको देख रहा हूं –

    मैं तुम सबको देख रहा हूं. मैं तुम्हारा हर झूठ रिकॉर्ड कर रहा हूं. मैं तुम्हारी हर तोड़-मरो…
  • आखिरी सलाम…

    कॉमरेड हम तुम्हें आखिरी सलाम भी नहीं दे पाये तुम भी तो हमारा इंतजार कर रहे होगे अख़बार में…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

ढक्कन

बोतल का ढक्कन बहुत मामूली चीज है खोने पर हम इसे खोजते जरूर हैं लेकिन इसके लिए अपना कोई काम…