'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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किसान आन्दोलन का माओवादी कनेक्शन ?

26 नवम्बर से केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा दिल्ली बाॅर्डर पर जबरन रोक कर रखे गये किसानों को पहले तो खालिस्तानी बता कर देशवासियों को गुमराह करने की कोशिश की गई, फिर उन्हें केवल पंजाब का किसान बताया गया, और फिर इसी तरह लगातार उन्हें कांग्रेसी, आतंकवादी, पाकिस्तान परस्त, चीनी परस्त, विदेशी फंडिंग वगैरह कहा गया. जब इससे भी केन्द्र …

आप हिंसा के ज्वालामुखी पर बैठे हैं

मेरे सामने एक रिपोर्ट खुली हुई है. यह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बस्तर की आदिवासी महिलाओं के साथ पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा बलात्कार के मामलों की जांच की है और उसकी रिपोर्ट दी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ‘पुलिस वालों ने आदिवासी औरतों से …

केन्द्रीय माओवादी नेता ‘किसान’ का साक्षात्कार

भारत में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के बाद से ही देश भर में क्रांतिकारी आन्दोलन ने सुव्यवस्थित स्वरूप ग्रहण किया है. लाखों की तादाद में कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में देश के बहादुर बेटों ने अपनी शहादतें दी हैं. परन्तु, भारत में कम्युनिस्ट आन्दोलन विभिन्न चरणों से गुजरते हुए हजारों टुकड़ों में बंटती चली गई. बहुत के टुकड़ों ने साम्राज्यवादियों …

सेना, अर्द्धसेना और पुलिस जवानों के नाम माओवादियों की अपील

[ देश में गृहयुद्ध का माहौल बन चुका है. एक ओर अंबानी-अदानी की सेवा में चाकरी करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की तमाम सम्पदा, संसाधन अंबानी-अदानी के चरणों में डाल चुका है. तकरीबन 14 लाख करोड़ से ज्यादा रूपया इन लुटेरों का माफ कर चुकी यह केन्द्र सरकार और ज्यादा पैसों के लिए आरबीआई को रोजाना धमका रही है. जनता …

रेड कॉरिडोर में लाल क्रांति का सपना (पार्ट 2)

चार राज्यों का रेड कॉरीडोर मध्य प्रदेश से निकले छत्तीसगढ से होते हुये झारखंड, बिहार और बंगाल को भी अपने में समेट लिया. हालांकि इन राज्यों में रेड कॉरीडोर ने उस तरह पांव नहीं पसारे जैसे पुराने चार राज्यों में हुआ. लेकिन आर्थिक सुधार की असल आधुनिक मार के निशान योजनाओं के जरिये या फिर समाज में बढ़ती खाई के …

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