'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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पार्टी का संगठनात्मक ढांचा मोदी के सामने सिर के बल खड़ा है

  “एक बार जब किसी सरकार का सुप्रीमो मतदाताओं के मन-मस्तिष्क पर सीधी पकड़ स्थापित कर लेता है, तो मतदाताओं के सामने बाकी के मुद्दे महत्वहीन हो जाते हैं.” कांग्रेस से भिन्न भाजपा में कभी जीवंत संसदीय कार्यकारी कमेटी और परिषदें अपने सदस्यों-कार्यकर्ताओं के निर्णयों को सरकार के सुप्रीमों (मुखिया) तक पहुंचाने के बजाय उसकी ‘हां’ में ‘हां’ मिलाने और …

17वीं लोकसभा के चुनाव में खड़े तमाम प्रत्याशियों के नाम एक खुला पत्र

[ बेलसोनिका ऑटो कम्पोनेंट इंडिया इम्पलॉइज यूनियन की ओर 17वीं लोकसभा के चुनाव में खड़े तमाम प्रत्याशियों के नाम एक खुला पत्र जारी किया है. इस पत्र में उसने अपने साथ-साथ देश की मजदूर, किसान और मेहनतकशों की ओर से अधिकांश समस्याओं को उठाया है और इन प्रत्याशियों से जवाब मांगा है. हम उम्मीद करते हैं लोकसभा चुनाव में बने …

देश में भाजपा विरोधी एक ही पार्टी है

अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस ही एक अकेली राजनैतिक पार्टी है जो भाजपा विरोधी है. गठबंधनों के इस दौर में उसे हर हाल में अपने इस चरित्र को सुरक्षित रखना होगा. सत्ता की दौड़ में जनसंघ (भाजपा से पूर्व) ने 1980 में अपनी साख को मिट्टी में मिला दिया था. परिणाम सबके सामने है. उसे दुबारा दूसरे नाम भाजपा से …

कांग्रेस और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू

कांग्रेस, आरएसएस का अपना पुराना घर है. कांग्रेस, आरएसएस का पहला प्यार है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पहला प्यार कभी भूलता नहीं है. भारतीय राजनीति में पर्दे के पीछे रहते हुए आरएसएस हमेशा अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाया है. अपने पुराने और नये घर या प्रेम के जरिए संघ अपने राजनीतिक हस्तक्षेप को छुपाते हुए सांस्कृतिक संगठन के रूप में …

हर सम्भव तरीक़े से पूर्ण स्वतन्त्रता – भगत सिंह

अमृतसर कॉन्‍फ्रेंस में जिन बातों का बहुत झगड़ा हुआ और बहस हुई, उनमें से एक सबसे अधिक ज़रूरी और महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि कांग्रेस का उद्देश्य हर सम्भव तरीक़े से ‘अंग्रेज़ी राज से बाहर पूर्ण स्वतन्त्रता’ प्राप्त करना हो. प्रस्ताव पास हो गया और बड़े-बड़े नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफ़े दे दिये और धमकियां देनी शुरू कर दीं और …

भगवा परचम उठाये लोग भगवा का ककहरा भी नहीं जानते

[ भारतीय राजनीति के वर्तमान परिद्रश्य को समझने के लिए हमें अपने अतीत में झांकना होगा. एक ऐसा धुप्प अंधेरा अतीत, जिसमें झांकने के लिए इतिहास की रौशनी की कोई भूमिका नहीं है. यह एक ऐसा अतीत है, जिसे इतिहास ने नहीं, “मान्यताओं के प्रति हमारी अटूट आस्थाओं” ने बनाया है. इसी विषय पर प्रख्यात विचारक और राजनीतिक विश्लेषक विनय …

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