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आरएसएस और भाजपा का “रावण”

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आरएसएस और भाजपा का रावण

यह कार्टून 1945 ई. में नारायण आप्टे द्वारा प्रकाशित और गोडसे द्वारा संपादित पत्रिका “अग्रणी” में छपा था. गांधी के 10 सिरों में पं. नेहरू, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद , बाल गंगाधर तिलक, बाबा साहेब भीम राव अम्बेदकर के सिर भी हैं. दहनकर्ता सावरकर और श्यामा प्रसाद हैं ??? 1945 ई. में संघ के लिए अंग्रेज रावण नहीं थे, इससे साबित होता है कि संघी सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे.

इतिहास का सर्वाधिक ज्ञात विषय है कि आरएसएस जो आजादी के पहले अंग्रेजों के फेंके टुकड़ों पर पलते थे, वहीं आजादी के बाद भी उसने अपना रवैया नहीं बदला. आज जब आरएसएस का सर्वाधिक क्रूर स्वरूप मोदी के रूप में देश की सत्ता पर विराजमान है, तब उसके सामने हर वह सख्स देशद्रोही और रावण के स्वरूप में है, जो देश की दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुसलमानों, महिलाओं के हित की बात करता है और उसके लिए संघर्ष करता है. यही कारण है पहले क्रांतिकारियों की जासूसी करने और गांधी की हत्या करने वाले आरएसएस आज उन संघर्षशील लोगों की सरेआम हत्या कर रहा है, उसे जेलों में बंद कर रहा है. गौरी लंकेश, कलबुर्गी, पनसारे, रोहित वेमुला की हत्या आज के आरएसएस की असली हकीकत है.




रावण दहन के नाम पर आज भी आरएसएस देश भर में ऐसे लोगों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहा है जो देश की आम आवाम की बुनियादी समस्याओं रोटी, कपड़ा, मकान, दवा, चिकित्सा, जल, जंगल, जमीन आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आज यही लोग आरएसएस और भाजपा के रावण है, जिसकी हत्या के लिए आरएसएस लगातार सक्रिय है, वहीं देश की चंद धन्नासेठों के लिए देश की तमाम सम्पदाओं को लुटाकर उसे देश से बाहर विदेशों में शिफ्ट कर रहा है.

देशवासियों को भयभीत करने का कारोबार के सिलसिले में पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के नाम पर सैकड़ों लोगों की हत्या को भी देखा जा सकता है. देश में आरएसएस-भाजपा डर का माहौल बनाकर देशवासियों के खून-पसीने की कमाई को चूसने लिए सबसे बेहतरीन तरीका अपनाया है देशवासियों के सामने इतिहास को विकृत करना और उसे अशिक्षित बनाकर रखना. इसके लिए देश की शिक्षण संस्थानों को बर्बाद करने का पुरजोर प्रयास कर रहा है. यही कारण है आज देश के सामने एक नये ‘‘रावण’’ की छवि गढ़ रहा है जो उसने पहले रावण की छवि में गांधी और क्रांतिकारियों को तलाशा और उनकी हत्या की तो आज वह इस नये ‘‘रावण’’ की तालाश देश की दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुसलमानों, महिलाओं के हित की बात करने वालों और उसके लिए संघर्ष करने वालों के रूप में पूरी की है, जिसकी हत्या वह आये दिन कर रहा है.





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