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क्रिसमस की रात और चार्ली चैपलिन की बात

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चार्ली चैपलिन ने अपनी बेटी को बहुत ही सुंदर खत लिखा था. यह खत सभी को पढ़ना चाहिए. चार्ली ने अपनी नृत्यांगना बेटी को एक मशहूर खत लिखा. कहा – मैं सत्ता के खिलाफ विदूषक रहा, तुम भी गरीबी जानो, मुफलिसी का कारण ढूंढो, इंसान बनो, इंसानों को समझो, जीवन में इंसानियत के लिए कुछ कर जाओ, खिलौने बनना मुझे पसंद नहीं बेटी. मैं सबको हंसा कर रोया हूं, तुम बस हंसते रहना. बूढ़े पिता ने प्रिय बेटी को और भी बहुत कुछ ऐसा लिखा –

क्रिसमस की रात और चार्ली चैपलिन की बात

मेरी प्यारी बेटी,

रात का समय है. क्रिसमस की रात. मेरे इस छोटे से घर की सभी निहत्थी लड़ाइयां सो चुकी हैं. तुम्हारे भाई-बहन भी नीद की गोद में हैं. तुम्हारी मां भी सो चुकी है. मैं अधजगा हूं. कमरे में धीमी सी रौशनी है. तुम मुझसे कितनी दूर हो पर यकीन मानो तुम्हारा चेहरा यदि किसी दिन मेरी आंखों के सामने न रहे, उस दिन मैं चाहूंगा कि मैं अंधा हो जाऊं. तुम्हारी फोटो वहां उस मेज पर है और यहां मेरे दिल में भी, पर तुम कहां हो ? वहां सपने जैसे भव्य शहर पेरिस में ! चैम्प्स एलिसस के शानदार मंच पर नृत्य कर रही हो.

इस रात के सन्नाटे में मैं तुम्हारे कदमों की आहट सुन सकता हूं. शरद ऋतु के आकाश में टिमटिमाते तारों की चमक मैं तुम्हारी आंखों में देख सकता हूं. ऐसा लावण्य और इतना सुन्दर नृत्य. सितारा बनो और चमकती रहो परन्तु यदि दर्शकों का उत्साह और उनकी प्रशंसा तुम्हें मदहोश करती है या उनसे उपहार में मिले फूलों की सुगंध तुम्हारे सिर चढ़ती है तो चुपके से एक कोने में बैठकर मेरा खत पढ़ते हुए अपने दिल की आवाज सुनना.

…मैं तुम्हारा पिता, जिरलडाइन ! मैं चार्ली, चार्ली चेपलिन ! क्या तुम जानती हो जब तुम नन्ही बच्ची थी तो रात-रात भर मैं तुम्हारे सिरहाने बैठकर तुम्हें स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी सुनाया करता था. मैं तुम्हारे सपनों का साक्षी हूं. मैंने तुम्हारा भविष्य देखा है, मंच पर नाचती एक लड़की मानो आसमान में उड़ती परी. लोगों की करतल ध्वनि के बीच उनकी प्रशंसा के ये शब्द सुने हैं, इस लड़की को देखो ! वह एक बूढ़े विदूषक की बेटी है, याद है उसका नाम चार्ली था.

…हां ! मैं चार्ली हूं ! बूढ़ा विदूषक ! अब तुम्हारी बारी है ! मैं फटी पेंट में नाचा करता था और मेरी राजकुमारी ! तुम रेशम की खूबसूरत ड्रेस में नाचती हो. ये नृत्य और ये शाबाशी तुम्हें सातवें आसमान पर ले जाने के लिए सक्षम है. उड़ो और उड़ो, पर ध्यान रखना कि तुम्हारे पांव सदा धरती पर टिके रहें. तुम्हें लोगों की जिन्दगी को करीब से देखना चाहिए. गलियों-बाजारों में नाच दिखाते नर्तकों को देखो जो कड़कड़ाती सर्दी और भूख से तड़प रहे हैं. मैं भी उन जैसा था, जिरल्डाइन !

उन जादुई रातों में जब मैं तुम्हें लोरी गा-गाकर सुलाया करता था और तुम नीद में डूब जाती थी, उस वक्त मैं जागता रहता था. मैं तुम्हारे चेहरे को निहारता, तुम्हारे हृदय की धड़कनों को सुनता और सोचता, चार्ली ! क्या यह बच्ची तुम्हें कभी जान सकेगी ? तुम मुझे नहीं जानती, जिरल्डाइन ! मैंने तुम्हें अनगिनत कहानियां सुनाई हैं पर, उसकी कहानी कभी नहीं सुनाई. वह कहानी भी रोचक है.

यह उस भूखे विदूषक की कहानी है, जो लन्दन की गंदी बस्तियों में नाच-गाकर अपनी रोजी कमाता था. यह मेरी कहानी है. मैं जानता हूं पेट की भूख किसे कहते हैं ! मैं जानता हूं कि सिर पर छत न होने का क्या दंश होता है ! मैंने देखा है, मदद के लिए उछाले गये सिक्कों से उसके आत्म सम्मान को छलनी होते हुए, पर फिर भी मैं जिंदा हूं, इसीलिए फिलहाल इस बात को यही छोड़ते हैं.

…तुम्हारे बारे में ही बात करना उचित होगा जिरल्डाइन ! तुम्हारे नाम के बाद मेरा नाम आता है चेपलिन ! इस नाम के साथ मैने चालीस वर्षों से भी अधिक समय तक लोगों का मनोरंजन किया पर हंसने से अधिक मैं रोया हूं. जिस दुनिया में तुम रहती हो वहा नाच-गाने के अतिरिक्त कुछ नहीं है.

आधी रात के बाद जब तुम थियेटर से बाहर आओगी तो तुम अपने समृद्ध और सम्पन्न चाहने वालों को तो भूल सकती हो, पर जिस टैक्सी में बैठकर तुम अपने घर तक आओ, उस टैक्सी ड्राइवर से यह पूछना मत भूलना कि उसकी पत्नी कैसी है ? यदि वह उम्मीद से है तो क्या अजन्मे बच्चे के नन्हे कपड़ों के लिए उसके पास पैसे हैं ? उसकी जेब में कुछ पैसे डालना न भूलना. मैंने तुम्हारे खर्च के लिए पैसे बैंक में जमा करवा दिए हैं, सोच समझकर खर्च करना.

…कभी कभार बसों में जाना, सब-वे से गुजरना, कभी पैदल चलकर शहर में घूमना. लोगों को ध्यान से देखना, विधवाओं और अनाथों को दया-दृष्टि से देखना. कम से कम दिन में एक बार खुद से यह अवश्य कहना कि, मैं भी उन जैसी हूं. हां ! तुम उनमें से ही एक हो बेटी !

…कला किसी कलाकार को पंख देने से पहले उसके पांवों को लहुलुहान जरूर करती है. यदि किसी दिन तुम्हें लगने लगे कि तुम अपने दर्शकों से बड़ी हो तो उसी दिन मंच छोड़कर भाग जाना, टैक्सी पकड़ना और पेरिस के किसी भी कोने में चली जाना. मैं जानता हूं कि वहां तुम्हें अपने जैसी कितनी नृत्यागनाएं मिलेंगी. तुमसे भी अधिक सुन्दर और प्रतिभावान. फर्क सिर्फ इतना है कि उनके पास थियेटर की चकाचौंध और चमकीली रोशनी नहीं. उनकी सर्चलाईट चन्द्रमा है ! अगर तुम्हें लगे कि इनमें से कोई तुमसे अच्छा नृत्य करती है तो तुम नृत्य छोड़ देना. हमेशा कोई न कोई बेहतर होता है, इसे स्वीकार करना. आगे बढ़ते रहना और निरंतर सीखते रहना ही तो कला है.

…मैं मर जाउंगा, तुम जीवित रहोगी. मैं चाहता हूं तुम्हें कभी गरीबी का एहसास न हो. इस खत के साथ मैं तुम्हें चेकबुक भी भेज रहा हूं ताकि तुम अपनी मर्जी से खर्च कर सको. पर दो सिक्के खर्च करने के बाद सोचना कि तुम्हारे हाथ में पकड़ा तीसरा सिक्का तुम्हारा नहीं है, यह उस अज्ञात व्यक्ति का है जिसे इसकी बेहद जरूरत है. ऐसे इंसान को तुम आसानी से ढूंढ सकती हो, बस पहचानने के लिए एक नजर की जरूरत है. मैं पैसे की इसलिए बात कर रहा हूं क्योंकि मैं इस राक्षस की ताकत को जानता हूं.

…हो सकता है किसी रोज कोई राजकुमार तुम्हारा दीवाना हो जाए. अपने खूबसूरत दिल का सौदा सिर्फ बाहरी चमक-दमक पर न कर बैठना. याद रखना कि सबसे बड़ा हीरा तो सूरज है जो सबके लिए चमकता है. हां ! जब ऐसा समय आये कि तुम किसी से प्यार करने लगो तो उसे अपने पूरे दिल से प्यार करना. मैंने तुम्हारी मां को इस विषय में तुम्हें लिखने को कहा था. वह प्यार के सम्बन्ध में मुझसे अधिक जानती है.

…मैं जानता हूं कि तुम्हारा काम कठिन है. तुम्हारा बदन रेशमी कपड़ों से ढका है पर कला खुलने के बाद ही सामने आती है. मैं बूढ़ा हो गया हूं. हो सकता है मेरे शब्द तुम्हें हास्यास्पद जान पड़ें पर मेरे विचार में तुम्हारे अनावृत शरीर का अधिकारी वही हो सकता है जो तुम्हारी अनावृत आत्मा की सच्चाई का सम्मान करने का सामर्थ्य रखता हो.

…मैं ये भी जानता हूं कि एक पिता और उसकी सन्तान के बीच सदैव अंतहीन तनाव बना रहता है पर विश्वास करना मुझे अत्यधिक आज्ञाकारी बच्चे पसंद नहीं. मैं सचमुच चाहता हूं कि इस क्रिसमस की रात कोई करिश्मा हो ताकि जो मैं कहना चाहता हूं वह सब तुम अच्छी तरह समझ जाओ.

…चार्ली अब बूढ़ा हो चुका है, जिरल्डाइन ! देर सबेर मातम के काले कपड़ों में तुम्हें मेरी कब्र पर आना ही पड़ेगा. मैं तुम्हें विचलित नहीं करना चाहता पर समय-समय पर खुद को आईने में देखना उसमें तुम्हें मेरा ही अक्स नजर आयेगा. तुम्हारी धमनियों में मेरा रक्त प्रवाहित है. जब मेरी धमनियों में बहने वाला रक्त जम जाएगा तब तुम्हारी धमनियों में बहने वाला रक्त तुम्हें मेरी याद कराएगा. याद रखना, तुम्हारा पिता कोई फरिश्ता नहीं, कोई जीनियस नहीं, वह तो जिन्दगी भर एक इंसान बनने की ही कोशिश करता रहा. तुम भी यही कोशिश करना.

ढेर सारे प्यार के साथ.

चार्ली
क्रिसमस, 1965

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ROHIT SHARMA

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