Home गेस्ट ब्लॉग सरेंडर की ओर यूक्रेन, अमेरिका और नाटो में दहशत !

सरेंडर की ओर यूक्रेन, अमेरिका और नाटो में दहशत !

4 second read
0
0
44

क्रेमलिन ने कहा है कि यूक्रेन को जिन नाटो देशों ने हथियार दिए वो रूस के वैध शत्रु हैं और उनके खात्मे की राह में समझदार राष्ट्र कोई अड़चन पैदा नहीं करेंगे. हालांकि रूस ने औपचारिक तौर पर खारकीव पर एक हफ्ते पहले ही कब्जा कर लिया था लेकिन रूसी सेना राजधानी कीव को भी जल्दी से रूसी साम्राज्य में समेटने की हड़बड़ी में है. आलम ये है कि खारकीव फतह के बाद भी रूसी सेना दुनिया को ऐसा दिखा रही है कि उसका अभी खारकीव पर पूरा कब्जा नहीं हो पाया है.

अंतर्राष्ट्रीय युद्ध विश्लेषकोंं की मानें तो रूसी सेना खारकीव में सिर्फ बवंडर मचाये हुए है जबकि असली लड़ाई कीव के सीमावर्ती इलाकों में चल रही है. नाटो देशों ने कीव क्षेत्र का एयर डिफेंस इतना मजबूत कर रखा है कि रूसी सेना को सुरक्षा चक्र तोड़ने के लिए रोबोटिक आर्मी का सहारा लेना पड़ रहा है. बताते चलें कि युद्ध क्षेत्र में रोबोटिक आर्मी केवल रूस और चीन के पास है, बाकी देशों में इस पर प्रयोग चल रहे हैं. रूसी सेना ने दो दिन के अंदर 2473 यूक्रेनी सैनिकों को ढेर कर दिया है. रूसी सेना द्वारा यह बेहद ही डरावना यूक्रेनी सैन्य संहार है.

विशेष खबरों के मुताबिक बेलारूस व यूक्रेन की सीमा पर चल रहे परमाणु युद्ध अभ्यास में पोलैंड ने रूस से संयम बरतने के लिए संयुक्त राष्ट्र से अपील की है. उधर पुतिन ने ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत पर रूसी खुफिया एजेंसी से जांच कराने की बात कहकर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में सीआईए-मोसाद के कथित षड्यंत्र को न केवल चुनौती दी है बल्कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन, ब्रिटेन अमेरिका सहित नाटो देशों पर परमाणु हमले के लिए शार्टकट में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटा ले रहे हैं.

ज्ञात हो कि अमरीका के पास अभी तक कोई भी सुपरसोनिक मिसाइल नहीं है जबकि उत्तर कोरिया, भारत, चीन, रूस के पास ही यह तकनीक विकसित हो पाई है. हालांकि अमेरिका ने जापान के सहयोग से अगले तीन साल के अंदर सुपरसोनिक मिसाइल बना लेने का दावा किया है. उधर नाटो की अगुवाई कर रहा पेंटागन ने सीधे तौर पर यूक्रेन को मदद न देने की मंशा जाहिर की है.

पेंटागन में मीडिया मामलों के सलाहकार सेल्डिश रोगर ने कहा ‘यूक्रेन का युद्ध प्रबंधन निराशा पैदा करने वाले नतीजे दे रहा है. खारकीव से रूसी सेना के कब्जे को नकारा नहीं जा सकता. जेलेंस्की रूसी युद्ध नीति को बिल्कुल नहीं समझ पा रहे हैं. हमें यूक्रेन को हथियारों की और मदद देने वाली बात पर फिर से सोचना चाहिए.

मामला जो भी हो युद्ध क्षेत्र में रूसी हथियारों का डंका बज रहा है. एक महीने के भीतर रूस से हथियार खरीदने वाले देशों की सूची 13 से 39 पर पहुंच गई है. अगर रूस अपने हथियार निर्यात कानून में और राहत देगा तो लगभग 80 फीसदी देश सीधे रूस से हथियार खरीदेंगे और इस समय रूस-चीन के लिमिटलेस दोस्ती का मतलब भी यही है कि दुनिया के हर मुल्क को रूस चीन से हथियार खरीदने के लिए मजबूर किया जाये और डालर के साम्राज्य को बर्बाद कर दिया जाये.

पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में जेलेंस्की का कार्यकाल 3 दिन पहले 20 मई को खत्म हो गया है और इस समय जेलेंस्की किसी लोकतांत्रिक देश के नेता नहीं हैं इसलिए यूक्रेन में आजादी बहाल करना भी क्रेमलिन का दायित्व हो जाता है. उधर जेलेंस्की ने अमरीका नाटो देशों पर आरोप लगाया है कि यूक्रेन में सही समय पर हथियार नहीं पहुंचाये गये, जिसका खामियाजा ये है रूस ने पूरे यूक्रेन की घेराबंदी कर रखी है. हमारे सैनिकों के पास सरेंडर करने से अलावा कोई विकल्प नहीं है.

फिलहाल ये तो तय हो चुका है कि यूक्रेन हार गया है, इसके बाद भी पुतिन यह नहीं कह रहे हैं कि हम युद्ध विराम करने वाले हैं बल्कि पुतिन ने नाटो देशों की सीमा पर परमाणु युद्धाभ्यास शुरू कर अमरीका ब्रिटेन जर्मन पोलैंड जैसे मुल्कों पर परमाणु हमले की धमकी दे दी है और पुतिन के दांये-बांये उत्तर कोरिया, चीन, बेलारूस, ईरान भी अपने अपने परमाणु बम रिमोट लेकर पूरी मुस्तैदी से खड़े हैं.

परमाणु युद्ध की यह महाविभीषिका अगर शुरू होती है तो पृथ्वी पर मानव जीवन को युगों तक विकलांग बनाने के लिए एकमात्र अमरीका जिम्मेदार होगा. पिछले दिनों वियतनामी राष्ट्रपति ने विक्ट्री-डे के मौके पर बधाई संदेश भेजते हुए टिप्पणी की कि – ‘जब तक विश्व पटल पर चीन, रूस, उत्तर कोरिया, क्यूबा, वियतनाम, ईरान, बेलारूस जैसे मानवतावादी देश शांति न्याय बराबरी के पक्ष में खड़े रहेंगे तब तक कोई भी आततायी मुल्क अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेगा.’

  • ए. के. ब्राईट

Read Also –

 

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

G7 शिखर सम्मेलन और एक न्यायपूर्ण विश्व की आवश्यकता

वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित किया गया था, आज दुन…