Home पुस्तक / फिल्म समीक्षा होलोकास्ट बनाम ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’…

होलोकास्ट बनाम ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’…

20 second read
0
0
139
होलोकास्ट बनाम 'होलोकास्ट इंडस्ट्री'...
होलोकास्ट बनाम ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’…
मनीष आजाद
‘मुझे लगता है कि होलोकास्ट को बेचा जा रहा है, जबकि जरूरत उससे सबक लेने की है.’

– रब्बी अर्नोल्ड जैकोब वोल्फ (Rabbi Arnold JacobWolf)

एकाध अपवादों को छोड़ दें तो होलोकास्ट पर लिखने वाले, विशेषकर अपना संस्मरण लिखने वाले यहूदी लेखक इजरायल और अमेरिका की आक्रामक नीतियों के समर्थक होते हैं. लेकिन Norman G Finkelstein इसके अपवाद हैं.

Finkelstein के माता/पिता हिटलर के यातना शिविर में थे लेकिन इसके बावजूद Finkelstein इस बात को समझ पाए कि अमेरिका और इजरायल की ताकतवर यहूदी लाबी होलोकास्ट की भयावह स्मृतियों का दोहन करके इजरायल की क्रूर आक्रामक नीतियों को, और गाज़ा में चल रहे जनसंहार (Genocide) को वैधानिकता प्रदान कर रहे हैं. इसे ही Finkelstein ने अपनी इसी नाम की किताब में ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’ कहा है.

मजेदार बात यह है कि इस ‘इंडस्ट्री’ से ऐसे ‘होलोकास्ट संस्मरण’ भी छप गए या छापे गए, जो पूरी तरह फर्जी थे. यानी उनके लेखक कभी भी यातना शिविर में नहीं थे. बहुचर्चित ‘The Painted Bird’ और ‘Fragments’ ऐसे ही संस्मरण हैं.

एक पड़ताल में यह पता चला कि Fragments के लेखक Wilkomirski तो यहूदी भी नहीं थे. उनका असली नाम Bruno Doessekke था.

‘Night’ जैसी बहुचर्चित ‘होलोकास्ट संस्मरण’ के लेखक और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित Elie Wiesel के इजराइल समर्थक रुख का पर्दाफाश करते हुए लेखक ने Elie Wiesel को ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’ का ‘सीईओ’ घोषित किया है.

इसके अलावा ‘Holocaust study’ के नाम पर पूरे विश्व से होलोकास्ट सहानुभूति के आधार पर अथाह पैसा उठाया जाता है और ‘Holocaust study’ में स्टूडेंट्स को यह पढ़ाया जाता है कि ‘होलोकास्ट’ सिर्फ यहूदियों का हुआ है और यह स्थापित किया जाता है कि यहूदियों का नया ‘धर्म’ इजरायल है.

इतिहास में काले लोगों, अफ्रीकन लोगों तथा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया… देशों में वहां के मूल निवासियों के साथ क्या हुआ, इसे यहूदी होलोकास्ट के मुकाबले बहुत मामूली बताया जाता है और इतिहास में हुई अमानवीय क्रूरताओं के प्रति एक पक्षपातपूर्ण दृष्टि आरोपित की जाती है.

‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’ की इसी यहूदी लाबी ने स्विस बैंक को कैसे घुटने टेकने पर और उसे 1.25 बिलियन डॉलर हर्जाने के तौर पर देने पर मजबूर किया, इसका बहुत ही दिलचस्प विवरण इस किताब में है.

दरअसल स्विस बैंक में उन यहूदियों के खाते थे, जो होलोकास्ट में मारे गए. यह हर्जाना उन्हीं खातों में जमा पैसों को लेकर था, लेकिन इससे ज्यादा ऐसे ही खाते अमरीका में भी थे, लेकिन यहूदी लॉबी ने यहां चुप्पी ओढ़ ली और हर्जाने की कोई मांग नहीं की.

अपनी इस महत्वपूर्ण किताब में Finkelstein इसी ‘होलोकास्ट इंडस्ट्री’ का पर्दाफाश करते हैं और यह चेतावनी भी देते हैं कि होलोकास्ट से संबंधित किसी भी साहित्य को पढ़ते हुए उसकी राजनीति पर भी एक नज़र डाल लेना बेहद जरूरी है.

Read Also –

‘वियतनाम, अफगानिस्तान, अल्जीरिया को देखिए कि औपनिवेशिक युद्ध कैसे समाप्त हुए ?’ – हमास
हिटलर सिर्फ़ ‘हिटलर’ में नहीं होता

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In पुस्तक / फिल्म समीक्षा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

जाति-वर्ण की बीमारी और बुद्ध का विचार

ढांचे तो तेरहवीं सदी में निपट गए, लेकिन क्या भारत में बुद्ध के धर्म का कुछ असर बचा रह गया …