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सेनेगल के फुटबॉलर ‘सादियो माने’

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सेनेगल के फुटबॉलर 'सादियो माने'

गुरूचरण सिंह

हाथ में टूटा हुआ फोन पकड़े इस अफ्रीकी व्यक्ति को देख इतना तो तय है कि आपको तरस ही आ ही रहा होगा उसकी और उसके देश की गरीबी पर !! इससे साथ ही एक संतोष का भाव भी जगेगा मन में ‘शुक्र है भगवान का हम ऐसी हालत में नहीं हैं!’ बहुत संभव है सहायता की बात भी मन में आ जाए। एक मध्यवर्गीय आम हिंदोस्तानी अक्सर ऐसा ही सोचता है या उसे ऐसा सोचने वाला बना दिया जाया है ! लेकिन अगर आपको यह बता दिया जाए कि तस्वीर खड़ा यह साधारण सा दिखने वाला अफ्रीकी युवक इंग्लैंड की मशहूर फुटबाल क्लब “लीवरपूल” का स्ट्राइकर और दुनियां का जाना माना फुटबाल खिलाड़ी एक गरीब अफ्रीकी देश सेनेगल से ताल्लुक़ रखने वाला “सादियो माने” हैं तो यकीनन आपके होश फाख्ता हो जाएंगे ! यह संयोग विचित्र अवश्य है लेकिन सत्य भी उतना ही है !

इस खिलाड़ी का देश सेनेगल गणराज्य भी लगभग एक करोड़ आबादी वाला पश्चिम अफ्रीकी देश है जो कभी फ्रांसीसी उपनिवेश हुआ करता था। इस देश की 90% जनसंख्या मुस्लिम है, 8% ईसाई और शेष आदिवासी है । मूंगफली इस देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है । देश की कुल कृषि योग्य भूमि के 40% क्षेत्र पर मूंगफली की खेती होती है। डिजिटल दुनिया में होने वाली कई तरह की धोखाधड़ी के मामले भी अक्सर इसी देश से जुड़े हुए होते हैं जहां अक्सर शरणार्थी कैंपो में रह रही नाबालिग फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाली लड़कियां कथित पूर्व राजदूतों की या व्यापारियों की बेटियां होती हैं जिनके नाम पर कई मिलियन डॉलर का खजाना बैंक में जमा होता है जिसे पाने के लिए उन्हें आपकी जरूरत होती है ! एक हिस्सा आपकी सहायता के एवज़ मे आपके नाम करने का वायदा करके आपके बैंक खाते आदि का पूरा विवरण लिया जाता है और कुछ पैसे मंगवाए जाते हैं।

खैर, हमारे मध्यवर्गीय आदमी का तो सपना ही सेलिब्रेटी बनना होता है चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो ! उसके लिए सेलिब्रेटी होने का मतलब ही चकाचौंध वाली जीवन शैली होती है ! अपने से उपर वाले पायदान पर पहुंचने और वहां पहुंच कर उसके आगे जाने की जुगत भिड़ाने की बात उसके मन में बचपन से ही बिठा दी जाती है। भले ही इसके लिए कोई भी रास्ता अख्तियार करना पड़े, कोई गुरेज़ करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा ही तो वह अपने आसपास देखता चला आया है ! आज की चकाचौंध से भरी दुनियां में जहां हर सेलिब्रेटी के हाथ में लाखों का आईफोन, करोड़ों की गाड़ियां और उसका अपना प्राइवेट जेट होता है, उसी दुनिया में लगभग सात मिलियन डॉलर सालाना आदमनी वाले इस प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी की सादगी भरी जिंदगी हैरतअंगेज कर देती है।

इसी अमीर फुटबॉलर को अक्सर इसी टूटे हुए फोन के साथ कई जगह देखा गया है। एक इंटरव्यू में जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इसे ठीक करवा लूंगा।’ जब उनसे पूछा गया कि वह कोई नया फोन क्यों नहीं ले लेता, उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा,’खरीदने को तो मैं ऐसे हजार फोन खरीद सकता हूं। लेकिन मुझे 10 फेरारी, 2 जेट प्लेन , 20 डायमंड घड़ियां रखने की जरूरत ही क्या है ? ये सब मुझे क्यों चाहिए?’

‘मैंने गरीबी देखी है, उसी के चलते मैं पढ़ भी नहीं पाया ! इसलिए मैंने स्कूल बनवाए हैं ताकि बच्चे पढ़ सकें। खेलने के लिए मेरे पास खेतों के अलावा कोई मैदान ही नहीं था, मैंने फुटबाल स्टेडियम बनवाए हैं ताकि हर बच्चे को खेलने और नाम कमाने का मौका मिल सके। मेरे पास जूते नही थे, मैं बिना जूतों के खेलता था, अच्छे कपड़े नही थे, ठीक से खाने को भी नहीं था। आज मेरे पास इतना कुछ है कि उसका दिखावा करने की जरूरत ही महसूस नहीं होती ! एक आम घड़ी भी उतना ही सही समय बताती है जितना एक हीरे जड़ी घड़ी, आम सी दिखने वाली कार में भी सफर आराम से किया जा सकता है, उसके लिए फेरारी रखने की जरूरत क्या है !! दरअसल मेरी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने अलावा जो भी है मेरे पास, उसे मैं अपने अपने लोगों के साथ बांटना चाहता हूं।’

सत्ता हासिल करने के लिए अक्सर लोग लंबी लंबी फैंकते रहते है, सुनहरे ख़्वाब दिखाते है, धरती को स्वर्ग बना देने का दावा करते हैं और फिर उन्हीं लोगों का खून पीते हुए वे नर पिशाच इतिहास के अंधेरों में खो भी जाते है, रह जाते हैं बस एक नाम बन कर जिन पर आने वाली कई पीढ़ियां थूकती रहती हैं ! ऐसे कई फकीरों की सुरक्षा पर ही रोजाना 1.82 करोड़ रुपया खर्च करना पड़ता है देश की गरीब जनता को जिसे एक सपना दिखा कर मदहोश कर दिया जाता है !

ज्ञान दूर कुछ क्रिया भिन्न है, इच्छा क्यों पूरी हो मन की,
एक दूसरे से मिल न सकें, यह विडंबना है जीवन की !

-जय शंकर प्रसाद, ‘कामायनी’ से

ऐसी सादगी और ऐसे जज़्बों को बार बार सलाम करने का मन करता है !

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