Home ब्लॉग बालाकोट : लफ्फाज सरकार और तलबाचाटू मीडिया

बालाकोट : लफ्फाज सरकार और तलबाचाटू मीडिया

24 second read
0
0
1,018

बालाकोट : लफ्फाज सरकार और तलबाचाटू मीडिया

भारतीय वायुसेना हमले में बालाकोट के वजाय जाबा नामक जगह पर हुए पाकिस्तानी ‘नुकसान’

दुनिया के सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह गुजरात के अहमदावाद में ‘लक्ष्य जीतो’ के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दावा करते हैं कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने आतंकी हमले के 13वें दिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर 250 आतंकियों को मार डाला है. लगे हाथ भाजपा अध्यक्ष के इस दावे पर कोई सवाल न खड़े कर सके इसलिए उसने आगे जोड़ते हुए कहा है कि सशस्त्र बलों बलों के साहस पर ‘शक’ करने और भारतीय वायु सेना के हवाई हमले का सबूत मांगने वाले विपक्षी पार्टियों का मूंह बंद करते हुए कहा कि अगर ये पार्टियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देश के सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले के जरिए हासिल की गई उपब्धियों की प्रशंसा नहीं कर सकती तो उन्हें ‘चुप’ रहना चाहिए.

वहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वायुसेना के ऑपरेशन बालाकोट में मारे गए आतंकियों की संख्या पर सवाल खड़ा करने और सबूत मांगने पर जवाब देने के बजाय उल्टे निशाना साधते हुए कहा कि स्वाभाविक है कि हमें अपनी सेना पर भरोसा और उन पर गर्व करना चाहिए. मुझे अभी तक समझ में नहीं आया कि कुछ लोग अभी तक क्यों सेना पर सवाल करना चाहते हैं ?

एयर फोर्स चीफ बीएस धनोआ ने साफ कहा है कि वायुसेना का मकसद सिर्फ लक्ष्य पर निशाना साधना होता है, वह मरने वालों की संख्या गिनने का काम नहीं करती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर वायुसेना के हमले से नुकसान नहीं हुआ तो वे (पाकिस्तान) हमला नहीं करने नहीं आते. उनके इस बयान के बाद से यह जरूर साफ हो गया है कि खबरों में मरने वाले आतंकियों की संख्या जो बताई जा रही है, उसका कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं है.

पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान का स्पीच

बड़ी दूर की कोड़ी फेंकते हुए भाजपा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सर्जिकल एयर स्ट्राईक पर लोगों का मूंह बंद करने का प्रयास किया है. परन्तु, हत्या के मुकदमों को अपने माथे से लगाये अमित शाह और हत्याओं की राजनीति करने वाले नरेन्द्र मोदी को शायद यह नहीं पता है कि सूचना-प्रोद्यौगिकी के तेज प्रसार ने दुनिया को बहुत छोटा बना दिया है, जहां सूचनायें किसी के छिपाये नहीं छिप सकती और झूठ बोलने से कोई फायदा नहीं होने वाला, उल्टे किरकिरी ही मचेगी. देश ही नहीं बल्कि दुनिया के पैमाने पर देश, उसकी सरकार और सबसे आगे बढ़कर यहां की मुख्य धारा की बिकाऊ भोंपू मीडिया की खिल्ली ही उड़ेगी क्योंकि रात्रि के अंधेरे में आखिरी किसने गिना कि कम से कम 250 आतंकी मारे गए हैं ?

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि जब सेना ऐसे आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर रही है तो क्या यह बयान सेना को झूठा साबित करने के लिए है. वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी एयर स्ट्राइक पर सरकार से सबूत मांगा है. इससे एक चीज जो साफ हो रही है, वह यह कि सरकार लोगों को वेबकूफ बना रही है, और झूठे आंकड़े देशवासियों के सामने परोस रही है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है. इन आंकड़ों का अगर कोई अस्तित्व है तो वह अमित शाह और नरेन्द्र मोदी के दिमाग की ख्याली-पुलाव में है क्योंकि अन्य सूत्रों से आने वाली खबरें साफ तौर पर इन आंकड़ों के अस्तित्व से इंकार करते हैं.




अमित शाह और नरेन्द्र मोदी के इन दावों के विपरित आतंकवादी शिविर पर हमले के केंद्र के दावे पर विपक्ष द्वारा सबूत मांगे जाने के बीच केंद्रीय मंत्री एस. एस. अहलुवालिया ने साफ कहा है कि इस हमले का उद्देश्य मानवीय क्षति पहुंचाना नहीं बल्कि एक संदेश देना था कि भारत दुश्मन के क्षेत्र में अंदर दूर तक घुसकर प्रहार कर सकता है. न तो प्रधानमंत्री और न ही किसी सरकारी प्रवक्ता ने हवाई हमले के हताहतों पर कोई आंकड़ा दिया है बल्कि यह तो भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया ही था, जहां मारे गये आतंकवादियों की अपुष्ट संख्या की चर्चा हो रही थी. हमने भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खबरें देखी हैं और यह भी देखा कि मोदीजी ने क्या कहा था. हवाई हमले के बाद मोदीजी की रैली हुई और उन्होंने हताहतों की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मोदीजी या किसी सरकारी प्रवक्ता या हमारे पार्टी अध्यक्ष ने कोई आंकड़ा दिया है ?

भाजपा ही मारे गये आतंकियों की संख्या आदि के बारे में विरोधाभास बयान दे रहे हैं, और किसी भी जवाबदारी से साफ इंकार भी कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के नेता सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा, ’तो मकसद क्या था ? क्या आतंकियों को मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने ? क्या यह चुनावी हथकंडा था ?’ विदित हो कि पाकिस्तानी चैनल के अनुसार भारतीय वायुसेना ने बालाकोट की सीमा में हमला ही नहीं किया, बल्कि बालाकोट से 25 किलोमीटर दूर और भारतीय सीमा रेखा से महज 1 या डेढ़ मिनट की हवाई दूरी पर जाबा के इलाके में 5-6 मिसाइल दागे हैं, जिसमें 15-20 पेड़ टुट गये हैं और एक व्यक्ति के घर में दरार पड़ गया है. इस दरार पड़ने से गिरे पत्थरों के टुकड़े से महज थोड़ी चोंटे आयी हैं. वहीं, भारतीय वायु सेना के हमले में एक कौआ मारा गया, जो निःसंदेह आतंकवादी नहीं था. पाकिस्तानी चैनल के अनुसार मिसाइल दागे गये इलाके में कोई घनी आबादी नहीं हैं. दूर-दूर स्थिति थोड़े से घर हैं, जिसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. हम यहां पाकिस्तानी मीडिया के द्वारा जारी किये गये लिंक को यहां डाल रहे हैं.

भारतीय वायुसेना हमले में हुए पाकिस्तानी ‘नुकसान’ का पड़ताल करता पाकिस्तानी चैनल

वहीं, पाकिस्तान की वायुसेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ किया और भारतीय सीमा में बम गिराये, जिससे भी किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. पिकस्तानी सरकार के अनुसार हमारा मकसद भारतीय जान-माल का नुकसान करना नहीं था, बल्कि यह संदेश देना था, कि पाकिस्तानी वायु सेना भी पलटवार कर सकती है, जैसा कि भारत के केन्द्रीय मंत्री अहलुवालिया ने उपर कहा है.

परन्तु, आंकड़ों की इस लुका-छिपी में एक बात साफ हो गयी कि भारतीय वायु सेना के एक विमान को पाकिस्तानी वायुसेना ने मार गिराया और उसके पायलट अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया, जिसे बाद में सकुशल और बिना शर्त भारत को वापस लौटा दिया गया. जिसका लाईव दुनिया भर के लोगों ने देखा और पाकिस्तान की सरकार और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत और दुनिया के लोगों ने ‘थैंक्यू’ कहा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पाकिस्तान की संसद में दिया गया स्पीच दुनिया में पाकिस्तान का मानवीय चेहरा उजागर किया वहीं, पाकिस्तान की आवाम के द्वारा शांति का संदेश देने के लिए अपनी ही सरकार के समर्थन में और भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई हेतु प्रदर्शन कर यह जता दिया है पाकिस्तान में लोकतंत्र अपनी ताकत पाने लगी है.

पायलट अभिनंदन का मजाक उड़ाते पाकिस्तान के चैनल

ऐसे में स्पष्ट है कि भारत के द्वारा ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और 250, 300, 350 आदि मारे गये आतंकियों का आंकड़ा भी महज लफ्फाजी है, जिसका वास्तविक कोई वजूद नहीं है. भारत सरकार और उसके जरखरीद भोंपू मीडिया ने दुनिया भर में भारत को मजाक का पात्र बना दिया है. हमारा देश आज अपराधी, कमजोर और अनपढ़ प्रधानमंत्री का दंश झेल रहा है, जिसका बड़बोलापन पूरी दुनिया में जाहिर हो गया है.




Read Also –

लाशों पर मंडराते गिद्ध ख़ुशी से चीख रहे हैं ! देशवासियो, होशियार रहो !
युद्ध की लालसा में सत्ता पर विराजमान युद्ध पिशाच
पुलवामा में 44 जवानों की हत्या के पीछे कहीं केन्द्र की मोदी सरकार और आरएसएस का हाथ तो नहीं ?
पुलवामा : घात-प्रतिघात में जा रही इंसानी जानें




प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]



Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

गंभीर विमर्श : विभागीय निर्णयों की आलोचना के कारण पाठक ने कुलपति का वेतन रोक दिया

बिहार के एक विश्वविद्यालय के कुलपति का वेतन शिक्षा विभाग ने इसलिए रोक दिया कि वे विभाग और …