मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या जैसे नृशंस मामले में बिहार पुलिस के कार्यशैली पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी दरअसल पूरे देश में अपराध खासकर महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या जैसे अनैतिक और नृशंस कृत्यों के दोषियों पर सरकार का चेहरा उकेर दिया है. बकौल सुप्रीम कोर्ट, ‘बच्चों के साथ दुष्कर्म को मामूली पिटाई का केस बना दिया, कि बिहार सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है’.
यह अनायास नहीं है कि तमाम बलात्कार जैसी जघन्य कृत्य में शामिल बलात्कारियों को बचाने के लिए सरकार और पुलिस दिन-रात एक कर रही है क्योंकि बलात्कार को यह सरकार और न ही हिन्दु धर्म में ही अपराध की संज्ञा में रखा जाता है. वहीं बलात्कारियों को देवता बनाकर पूजा जाता है, चाहे वह मंत्री हो या बड़े ऑफिसर. यही कारण कि बलात्कार के समर्थन और पीड़िता के विरोध में देश के नेताओं, मंत्री, विधायकों आदि का बयान अखबार की सुर्खियां बनती रहती है तो वही बलात्कार के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस खामोश रहती है.
आईये, देखते हैं बलात्कार को किस प्रकार हिन्दु धर्म-ग्रंथों में महिमामंडित किया गया है और बलात्कारियों को किस प्रकार देवता बनाकर पूजा जाता है- जो आज भी विद्यमान है. प्रस्तुत संकलन प्रख्यात लेखक अनिल जनविजय और अन्य के सहयोग से तैयार किया गया है.
सनातन धर्म में बलात्कार सनातन काल से ही चला आ रहा है. एक नजर हमारे उन महापुरुषों के पुरुषार्थ पर जिनको हम भगवान मानकर पूजते हैं और त्यौहार मनाते आ रहे हैं. ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या से बलात्कार किया इंद्रदेव ने फिर भी पूजनीय क्यूं ? राजा पाण्डु ने माधुरी से बलात्कार किया, उसका दहन नहीं…कोई सजा नहीं क्यों ? ऋषि पराशार ने केवट की पुत्री सत्यवती से बलात्कार किया उसका बहिष्कार क्यों नहीं ? बृहस्पति की पत्नी तारा का चंद्र ने अपहरण कर बलात्कार किया – देखा जाए तो बलात्कारी को देख कर करवाचौथ की पूजा की जाती है जाने किस मंशा से की जाती है ?
ब्रह्मा ने अपनी पुत्री वाच से जबरन सहवाह किया और पुत्री सरस्वती से जबरन विवाह कर हमेशा के लिए बलात्कार का अधिकार पा लिया (ऐसा आराध्य मुंह के जनों का ही हो सकता है).
नरक के राजा की रानियों से कृष्ण का विवाह और मामा अनय की पत्नी से शारीरिक संबंध फिर भी पूजनीय है, पता नहीं क्यूं (आज अगर कोई किसी के कपड़े चुरा कर भागे तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं बचेंगे). भीष्म ने अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का अपहरण किया ताकि नियोग द्वारा बच्चा पैदा किया जा सके ( ये भी बलात्कार का ही रूप है) फिर काहे के पितामह ??
राम के पूर्वज राजा दण्ड ने शुक्राचार की पुत्री अरजा के साथ बलात्कार किया (यानी राम एक बलात्कारी के वंशज थे). वायु देवता ने महर्षि कुशनाभ की कन्याओं से बलात्कार की कोशिश की. जब हमारे शास्त्रों में बलात्कार को इतनी सहजता से स्वीकार कर लिया गया है तो कैसे समाज से यह कोढ़ खत्म हो पाएगा ???
जब आपके ग्रंथों में बलात्कार को भी महिमामंडित किया जाता है तो कैसे संभव है बलात्कार का आज के जमाने में रोक पाना ???? क्योंकि बलात्कार को शक्ति और सक्षमता से जोड़ कर दिखाया गया है, शायद इसीलिए आज भी गांव में बलात्कारी से ही विवाह का फरमान सुना दिया जाता है.
(नोटः सनातन का अर्थ परंपरानुसार चला आता हुआ).
नियोग और हिन्दू धर्म (देवर, जेठ, ससुर, ताऊ, चाचा, मामा सबके संग संभोग)
नियोग का अर्थ –
वेदादि शास्त्रों में पति द्वारा संतान उत्पन्न न होने पर या पति की अकाल मृत्यु की अवस्था में ऐसा नियमबद्ध उपाय है जिसके अनुसार स्त्री अपने देवर, जेठ, ससुर, ताऊ, चाचा, मामा सबके संग संभोग अथवा सम्गोत्री से गर्भाधान करा सकती है. यदि पति जीवित है तो वह व्यक्ति स्त्री के पति की इच्छा से केवल एक ही और विशेष परिस्थिति में दो संतान उत्पन्न कर सकता है. इसके विपरीत आचरण राजदंड प्रायश्चित् के भागी होते हैं. हिन्दू प्रथा के अनुसार नियुक्त पुरुष सम्मानित व्यक्ति होना चाहिए.
इसी विधि के द्वारा पांडु राजा की स्त्री कुन्ती और माद्री आदि ने नियोग किया . महाभारत में वेद व्यास विचित्रवीर्य व चित्रांगद के मर जाने के पश्चात् उन अपने भाइयों की स्त्रियों से नियोग करके अम्बिका से धृतराष्ट्र और अम्बालिका से पांडु और दासी से विदुर की उत्पत्ति की थी. नीचे तथ्यों पर आधारित नियोग विषय पर सभी शंकाओं का प्रश्नों का उत्तर दिया गया है.
क्या प्राचीन काल में नियोग व्यवहार का प्रयोग होता था ? निस्संदेह होता था महाभारत/पुराण/स्मृति में नियोग के प्रमाण भरे पड़े है –
महाभारत में नियोग
व्यासजी का काशिराज की पुत्री अम्बालिका से नियोग – महाभारत आदि पर्व , अ 106/6
वन में बारिचर ने युधिस्टर से कहा- में तेरा धर्म नामक पिता- उत्पन्न करने वाला जनक हूं – महाभारत वन पर्व 314/6
उस राजा बलि ने पुनः ऋषि को प्रसन्न किया और अपनी भार्या सुदेष्णा को उसके पास फिर भेजा- महाभारत आदि पर्व, 104
कोई गुणवान ब्राह्मण धन देकर बुलाया जाये जो विचित्र वीर्य की स्त्रियों में संतान उत्पन्न करे- महाभारत आदि पर्व, 104/2
उत्तम देवर से आपातकाल में पुरुष पुत्र की इच्छा करते हैं- महाभारत आदि पर्व 120/26
परशुराम द्वारा लोक के क्षत्रिय रहित होने पर वेदज्ञ ब्राह्मणों ने क्षत्रानियों में संतान उत्पन्न की- महाभारत आदि पर्व 103/10
पांडु कुंती से- हे कल्याणी अब तू किसी बड़े ब्राह्मण से संतान उत्पन्न करने का प्रयत्न कर- महाभारत आदि पर्व 120/28
पुराणों में नियोग
किसी कुलीन ब्राह्मण को बुलाकर पत्नी का नियोग करा दो, इनमे कोई दोष नहीं हैं- देवी भगवत 1/20/6/41
व्यास जी के तेज से में भस्म हो जाऊगी इसलिए शरीर से चन्दन लपेटकर भोग कराया- देवी भगवत 1/20/65/41
भीष्म जी ने व्यास से कहा माता का वचन मानकर , हे व्यास सुखपूर्वक परे स्त्री से संतान उत्पत्ति के लिए विहार कर- देवी भागवत 6/24/46
पति के मरने पर देवर को दे- देवर के आभाव में इच्छा अनुसार देवे द – अग्नि पुराण अध्याय 154
रामायण में नियोग
वह तू केसरी का पुत्र क्षेत्रज नियोग से उत्पन्न बड़ा पराकर्मी – वाल्मीकि रामायण किष कांड 66/28
मरुत ने अंजना से नियोग कर हनुमान को उत्पन्न किया – वाल्मीकि रामायण किष कांड 66/15
राम द्वारा बाली के मारे जाने पर उसकी पत्नी तारा ने सुग्रीव से संग किया – गरुड़ पुराण उतर खंड 2/52
मनुस्मृति के प्रमाण
आपातकाल में नियोग भी गौण हैं- मनु 9/58
नियोग संतान के लोभ के लिए ही किया जाना चाहिए- ब्राह्मण सर्वस्व पृष्ट 233
टिप्पणी :- (देवर अर्थात द्वितीय वर) आज भी प्रचलित है.
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Rahul Kashyap
November 10, 2019 at 5:41 pm
Niyog purane zamane ka IVF system tha
aur
Sarita Bharadwaj
April 2, 2020 at 9:32 am
Itni jaankari hai toe ye bhi bata dein aapke ghar ke kitne logon ne iska bharpur sadupyog kiya. Aur puran kehte hai Saraswati ji brahma ke Kaan(ears) se nikli thi…kuch tesearch bhi kiya hai ya libranduon ki tarah aa gaye sanskriti ke upar gandh failane
Rohit Sharma
May 9, 2020 at 2:39 am
आपके अनुसार सरस्वती ब्रह्मा के कान से निकली थी, तो भी तो वह उसकी बेटी हुई. फिर अपनी ही बेटी से शादी ?? और इसी भारतीय संस्कृति की दुहाई ??
Gajput
April 26, 2022 at 9:45 pm
Bhai ye kon se kahani suna raha h
Kahani to mene bhi suni hai ki buddh ki maa maha maya se haathi se sex kiya tha
Rohit Sharma
May 3, 2022 at 6:25 am
जरूर सुने होंगे क्योंकि तमाम ब्राह्मण रचित धार्मिक ग्रंथ ने गौतम बुद्ध को चोर, डकैत ही बताया है और अशोक को नृशंस हत्यारा.
Yash
October 15, 2023 at 5:07 am
Absolutely correct information 👍👍👍