भाजपा के पूर्व मंत्री यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानन्द को अदालत ने यह कहते हुए रिहा कर दिया कि ‘यह दिख रहा है कि पीड़ित छात्रा के परिजन आरोपी व्यक्ति के उदार व्यवहार से लाभान्वित हुए. वहीं, यहां कोई भी ऐसी चीज रिकॉर्ड में नहीं है जिससे यह साबित हो कि छात्रा पर कथित उत्पीड़न की अवधि के दौरान, उसने अपने परिजनों से इसका जिक्र भी किया हो इसलिए अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह मामला पूरी तरह से ‘किसी लाभ के बदले कुछ काम करने’ का है. वहीं भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में है और पीड़ित लड़की अपने पिता और चाचा को खोकर सदमे में है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिलता है और कठुआ में तो बकायदा बलात्कारियों के समर्थन में भाजपा तिरंगा यात्रा निकालती है. धारा 370 हटने के बाद कश्मीर के लड़कियों के साथ बलात्कार करने की इच्छा इन संघी भाजपाई मंत्रियों से लेकर समर्थकों के बीच खूब तैरता रहा. इन सब प्रकरण पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं और अब उसके समर्थक सीएए और एनआरसी के विरोध में महीनों से धरना पर बैठी शाहीन बाग की महिलाओं पर भद्दे-भद्दे कमेंट करते हैं. उनके पैसों पर बुलाई गई महिला बताते हैं, उनके रेट फिक्स करते हैं.
संघियों और भाजपा के नेता से लेकर समर्थक तक बलात्कार के समर्थन में डटे रहते हैं. अब भाजपा में शामिल दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा दिल्ली विधानसभा में कागज लहराते हुए मय सबूत कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह के माध्यम से लड़की की जासूसी करवाये थे. उसी के एक विधायक के अनुसार नरेन्द्र मोदी को अक्सर लड़कियां पहुंचायी जाती है. भाजपा के नेता और उसकी पत्नियां अक्सर सैक्स रैकेट चलाते पकड़े जाते हैं. कहा जाता है कि ये लड़कियां भाजपा के नेताओं तक सप्लाई की जाती है.
भारतीय संस्कृति की दुहाई देने वाले संघ-भाजपा का सबसे प्रिय खेल है बलात्कार. बीजेपी के राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहते हैं ‘हमारी परंपरा में ऐसा कोई कानून या अधिनियम नहीं है जो किसी व्यक्ति को बलात्कार या चोरी के लिए सजा दे. पर दूसरे समाजों और धर्मों में ये परंपरा है.’ यानी बलात्कार भारतीय संस्कृति में कोई अपराध नहीं है. मान्य है. बलात्कार पर आरएसएस का विचार न तो राकेश सिन्हा का यह पहला ब्यान है और न ही अंतिम. दरअसल आरएसएस-भाजपा जिस भारतीय संस्कृति की बात करता है, वह बलात्कार करने की संस्कृति है और उसे इसकी मान्यता मिलती है आरएसएस के वैचारिक पुरूष विनायक दामोदर सावरकर से.
विनायक दामोदर सावरकर देश का वह सबसे घृणित व्यक्ति है जिसका हथियार ही ‘बलात्कार’ है. यह ठीक उसी तरह है जैसे महात्मा गांधी का हथियार अहिंसा था. वह अपने दुश्मनों को बलात्कार के जरिये परास्त करना अपना ध्येय मानता है. इसी ध्येय बलात्कार का अक्षरशः पालन नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों में भरपूर प्रयोग किया था.
सामाजिक कार्यकर्त्ता कृष्णन अय्यर अपने एक पोस्ट पर लिखते हैं – मोदी ने बलात्कार का भरपूर इस्तेमाल किया. बलात्कार यानी आसपास के 500 किलोमीटर इलाके में दहशत और आतंक. 2002 के गुजरात दंगों में मोदी के रेप का साम्राज्य गुजरात अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर, नडियाद, पंचमहल ऐसी कई जगहों पर हमारी मांं-बहनों के साथ रेप हुआ. गलियों और बाजारों में उन्हें नंगा घुमाया गया. 3000 से 4000 बलात्कार के मामले दर्ज किये गये.
- सुल्तानी, एराल गांव, पंचमहल, गुजरात :
– मेरा बेटा फैजान मेरी गोद में था.
– मुझे और फैजान को जमीन पर गिरा दिया.
– मुझे नंगा कर दिया और रेप शुरू हुआ.
– मेरा बेटा रो रहा था..मैं असहाय थी.
– 3 लोगों के रेप के बाद मैं बेहोश हो गई.
– जब होश आया तब मेरे पैर भी काट दिए थे.
- मेदिना, एराल गांव, पंचमहल, गुजरात :
– 2 लोग मेरी बेटी को उठा कर ले गए.
– मेरी आंखों के सामने रेप किया.
– बाद मे बोले काट दो, सबूत खत्म करो.
– मेरी बेटी रेप के बाद टुकड़ों में पड़ी थी.
- कौसर बानो, ऐसी 1000 कौसर बानो थी :
– कौसर बानो 9 महीने की गर्भवती थी.
– कौसर का रेप कर उसका पेट चीर डाला.
– अजन्मे बच्चे को त्रिशूल पर टांग दिया.
– बच्चे और कौसर बानो दोनों को जला दिया.
- तरशाली गांव, गुजरात :
– एक मुसलमान बाप को उसके बेटे का कटा सर थाली में दिया गया.
बच्चों की गवाही और मोदी का रेप साम्राज्य :
- 13 साल का अजहरुद्दीन बोला –
– गुड्डू चारा ने फरजाना का रेप किया.
– फरजाना की पेशाब की जगह सरिया डाला.
– फरजाना को जिंदा जला दिया.
- 12 साल की नूरजहां का रेप
– गुड्डू, सुरेश, नरेश चारा, हरिया ने रेप किया.
- 8 साल का सद्दाम बोला-
– मेरी मां को नंगा कर दिया.
– उस पर लोग चढ़ गए.
– फिर मेरी मां को जिंदा जलाया.
रेप का मतलब नंगा कर जिंदा जलाना होता है – सद्दाम बोला.
- गौरी ने एक मुस्लिम से शादी की थी. एक बच्ची भी थी. गुजरात दंगों के वक्त गौरी का 7 हिन्दू दंगाइयों ने 40 लोगों के सामने रेप किया. उसकी बच्ची ने अपनी मां का रेप होते देखा. न्याय ?
- पंचमहल जिले की एक महिला का गैंग रेप किया 2002 दंगों में. मरा जान कर दंगाई भाग गए. होश आने के बाद वो महिला नंगी चली कई किलोमीटर तब किसी ने कपड़े दिए. न्याय ?
- नरोदा पाटिया की मुमताज बेन की जबानी सुनिये और रोइये: 28 फरवरी, 2002 की सुबह से रात तक तांडव. हमारी नजरों के सामने मार दिया, रेप हुए. टोला दौड़-दौड़ कर आया, यहां मत जाओ, वहां पर उस गली में रेप हो रहे है. और सुनेंगे ?
- मुमताज बेन आगे बोलती है कि दंगाइयों ने विवाहित औरते, युवती और यहां तक छोटी मासूम बच्चियों का भी रेप किया. पब्लिक के सामने रेप किया और उठा कर ले कर चले गए औरतो को. न्याय ?
- बाबू बजरंगी ने कैमरे पर बोला था कि उसने नरोदा पाटिया में मुस्लिम औरतों का बलात्कार किया है, वो भी खुद की पत्नी के सामने. न्याय ?
- स्टिंग आपरेशन में संघ और टभ्च् का रोल सबके सामने है. आशीष खेतान का स्टिंग था वो. न्याय ?
आरएसएस एजेंट नरेन्द्र मोदी का हिन्दुत्व बलात्कार के साथ शुरू होता है और काॅरपोरेट घरानों की चरणों में जाकर सम्पन्न होता है. जैसा कि बताया गया है, इसके वैचारिक पुरूष सावरकर बलात्कार के जबदस्त हिमायती थे. बलात्कार ही उसका हथियार था. वह अंग्रेज स्त्रियों के साथ बलात्कार करके अंग्रेजों को देश से भगाना चाहता था. कहा जाता है कि सावरकर कोे एक अंग्रेज स्त्री के साथ बलात्कार करने के जुर्म में पहली बार जेल में डाला गया था, जहां से वह सजा काटकर बाहर आया था. बहरहाल सावरकर ने बाद में बलात्कार को अपनी पुस्तकों में बकायदा स्थापित किया. वेबसाईट न्यूज क्लिक लिखता है राजनीतिक या अन्य विरोधियों पर शक्ति का प्रयोग करने के साधन के रूप में बलात्कार की विचारधारा, या बल के माध्यम से अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए एक हथियार के रूप में, संघ परिवार सावरकर के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद उसकी तस्वीर पर फूल चढ़ाकर अक्सर सावरकर का जिक्र करते हैं, जो तस्वीर अब अब संसद के सेंट्रल हॉल में है और जिसे अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में प्रधानमंत्री रहते स्थापित किया था.
विनायक दामोदर सावरकर अपनी एक पुस्तक ‘भारत के छः शानदार युग’ में स्पष्ट रूप से कहते हैं कि ‘मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार करना उचित है और जब ऐसा अवसर हो और ऐसा नहीं किया जाता है, तो वह सदाचारी या उदार नहीं बल्कि उसे कायरता माना जाएगा (मुम्बई स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन संस्करण का अध्याय का आठवां हिस्सा देखें).
सावरकर बताते हैं कि अतीत में हिंदुओं ने ‘आत्मघाती‘ कदम उठाया और (पैरा 452) मुस्लिम महिलाओं पर दया दिखाई. उन्हें आसानी से सौहार्दपूर्ण और उदार भावना से माफ़ कर दिया. वे छत्रपति शिवाजी के रूप में ऐसे प्रसिद्ध आंकड़ों का उदाहरण देते हैं जिसमें (पैरा 450) कल्याण के मुस्लिम गवर्नर की बहु को छोड़ देते हैं, और पेशवा चिमाजी आप्टे ने भी इसी तरह बसेन के पोर्तुगीज गवर्नर की पत्नी को अनुचित छोड़ने की अनुमति दी थी. भावुक स्वर में सावरकर का तर्क है कि ‘जब मुसलमान उत्पीड़क हिंदू महिलाओं को दंडित कर रहे थे, हिंदू विजयी को भी मुस्लिम महिलाओं के साथ वही व्यवहार करना चाहिए था.’
उन्होंने लिखा, (पैरा 451में) ‘एक बार वे इस भयावह आशंका से कि मुस्लिम महिला भी हिंदुओं की जीत के मामले में उसी स्थिति में खड़ी हैं, जैसे मुस्लिम विजेता के सामने हिंदु महिलायें तो भविष्य में वे इस तरह हिन्दू महिलाओं को छेड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे. उनका तर्क है कि हिंदुओं ने अगर मुस्लिम महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया होता तो, उनकी स्थिति आज की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर होती :
“मान लीजिए कि यदि भारत के शुरुआती मुस्लिम आक्रमणों के समय से, हिंदुओं ने भी, जब भी वे युद्ध के मैदानों पर विजयी हुए या होते थे, उन्हें उसी तरह मुस्लिम के साथ व्यव्हार किया होता या किसी अन्य तरीके से उन्हें दंडित किया होता, अर्थात् बल के द्वारा, और फिर उन्हें उन्ही के डेरे में शोषित किया जाता, तो ? फिर उनके दिल में यह भयानक आशंका रहती और वे किसी भी हिंदू महिला के खिलाफ अपने बुरे कृत्य करने की हिम्मत नहीं करते. “(पैरा 455)
गलत धारणा के अलावा, जो ‘हर हिंदू अपने माता के दूध पीने से लगता है’ (पैरा 42 9-430) कि धार्मिक सहिष्णुता एक गुण है, सावरकर इसे हिंदूओं के बीच ‘मूर्खता की धारणा’ के रूप में पहचानता है कि ‘एक मुस्लिम महिला के साथ किसी भी तरह का संबंध इस्लाम में धर्म का मतलब था (पैरा 453) उन्हें बलात्कार से बचने का कारण. वह लिखते हैं कि इस धारणा ने ‘मुस्लिम स्त्री वर्ग’ (पैरा 454) को दंडित करने से हिंदू पुरुषों पर रोक लगाई थी.
यदि कोई मुस्लिम महिलाओं के प्रति सहानुभूति महसूस करता है, तो सावरकर उन सभी गलतियों के जरिए मुमकिन बहस को आगे बढाता है कि जैसा कि मुस्लिम महिलाएं करती हैं जिसमें वे हिंदू लड़कियों को लुभाने और उन्हें ‘मुस्लिम केंद्रों जैसे मस्जिदों में भेजती हैं’ और आमतौर पर मुस्लिम पुरुषों को उनके हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में इस्तेमाल करवाती हैं.
आरएसएस इस तरह के प्रचार करती रही है और इसकी वजह से संघ परिवार के अनुयायियों में वीर सावरकर बहुत प्रशंसनीय नायक बने हुए है. सवारकर के इस विचार ने हिंदू दंगाइयों को गुजरात (2002) और मुजफ्फरनगर (2013) में मुस्लिम महिलाओं पर भयावह अत्याचार करने और कई अन्य लोगों को प्रेरित करने की प्रेरणा दी है. गुजरात दंगों में, अनुमानित 30,000 औरतों का रेप हुआ था. विश्व का सबसे बड़ा गैंग रेप दंगा था. गुजरात के दंगे हो या बीजेपी-संघी राज में कोई भी दंगे हो, इनमे सबसे पहले रेप को अंजाम दिया गया. सेक्स क्राइम ही लक्ष्य था, और है. यही कारण है कि आरएसएस और उसके एजेंट नरेन्द्र मोदी भारत को बलात्कारियों का देश बनाना चाहते हैं, उसके लिए वह और उसके नेता कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए हैं. आये दिन उनके अश्लील विडियो भी सार्वजनिक होते ही रहे हैं और यह सब आरएसएस और भाजपा भारतीय संस्कृति की दुहाई देते हुए करता है. क्या आप ऐसे ही बलात्कारयुक्त हिन्दुत्व की कामना करते हैं ?
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तुम बलात्कारी हो, बलात्कारियों के पक्षधर हो, औरतों के खिलाफ हो
देश में बलात्कार और मॉबलिंचिंग को कानूनन किया जा रहा है ?
बलात्कार एक सनातनी परम्परा
बलात्कार भाजपा की संस्कृति है
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